840 मीट्रिक टन प्याज लेकर दूसरी ट्रेन दिल्ली पहुंची, कीमतें होंगी स्थिर
Newsउपभोक्ता मामले विभाग के मूल्य स्थिरीकरण कोष के तहत भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नेफेड) द्वारा खरीदा गया 840 मीट्रिक टन प्याज दिल्ली-एनसीआर में खपत के लिए आज दिल्ली के किशनगंज रेलवे स्टेशन पर पहुंचा। दिल्ली-एनसीआर में ट्रेन द्वारा पहुंचाई गई प्याज की यह दूसरी बड़ी खेप है। इससे पहले एनसीसीएफ ने 20 अक्टूबर, 2024 को कंडा एक्सप्रेस द्वारा 1,600 मीट्रिक टन प्याज किशनगंज स्टेशन पर पहुंचाया था। बाजार में समग्र उपलब्धता बढ़ाने के लिए अधिकांश प्याज आजादपुर मंडी में उतारा जाएगा जबकि स्टॉक का कुछ हिस्सा 35 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से खुदरा बिक्री के लिए उपलब्ध होगा।
विभिन्न क्षेत्रों में समय पर प्याज की विश्वसनीय और कम खर्च पर आपूर्ति के लिए पहली बार रेल रेक द्वारा प्याज का बड़े पैमाने पर परिवहन किया गया है। नैफेड ने पहले नासिक से रेल रेक द्वारा 840 मीट्रिक टन प्याज 26 अक्टूबर, 2024 को चेन्नई पहुंचा था। गुवाहाटी के लिए एक और रेल रेक आज सुबह नासिक से रवाना हुई जिसमें एनसीसीएफ द्वारा खरीदा गया 840 मीट्रिक टन प्याज है। रेल द्वारा इतने बड़े पैमाने पर प्याज की ढुलाई से देश भर में प्याज की उपलब्धता में वृद्धि हुई है।
सरकार ने इस वर्ष प्याज के मूल्य को स्थिर रखने के लिए 4.7 लाख टन रबी प्याज की खरीद की थी। 5 सितंबर, 2024 से 35 रुपए प्रति किलोग्राम की दर पर खुदरा बिक्री के माध्यम से और देश भर की प्रमुख मंडियों में थोक बिक्री के माध्यम से उपलब्ध कराना शुरू कर दिया था। अब तक 1.40 लाख टन से अधिक प्याज नासिक और अन्य केंद्रों से ट्रकों के माध्यम से उपभोग केंद्रों तक भेज दिया गया है। अभी तक एनसीसीएफ ने प्याज उपलब्ध कराने के लिए 22 राज्यों में 104 गंतव्यों को और नेफेड ने 16 राज्यों में 52 गंतव्यों को कवर किया है। एजेंसियों ने खुदरा उपभोक्ताओं को 35 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से प्याज वितरित करने के लिए सफल, केंद्रीय भंडार और रिलायंस रिटेल जैसी खुदरा श्रृंखलाओं के साथ भागीदारी की है।
इस पहल की शुरुआत से लेकर अब तक, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु और दिल्ली जैसे प्रमुख राज्यों में प्याज़ की खुदरा कीमतें काफ़ी हद तक स्थिर हो गई हैं। अक्टूबर के दौरान देशभर में औसत खुदरा कीमतें काफ़ी हद तक स्थिर रहीं। गुवाहाटी में रेल द्वारा प्याज़ की खेप भेजे जाने से पूर्वोत्तर राज्यों में इसकी उपलब्धता बढ़ेगी और उम्मीद है कि इससे क्षेत्र में कीमतों पर और राष्ट्रीय औसत पर भी असर पड़ेगा। नासिक मंडी में मंडी की कीमतें भी 24 सितंबर को 47 रुपए प्रति किलोग्राम के उच्चतम स्तर से गिरकर 29 अक्टूबर 2024 को 40 रुपए प्रति किलोग्राम पर आ गई हैं।