दिवाकर भट्ट की स्थिति गंभीर, डाक्टरों ने हाथ खड़े किये, अब केवल दुआओं की दरकार
राजधानी देहरादून स्थित मंहत इंद्रेश हास्पिटल का HDU न्यूूरो आईसीयू वार्ड. वार्ड के बाहर मरीजों के नाम लिखें है.उन नामों में उत्तराखंड राज्य आंदोलन के फील्ड मार्शल दिवाकर भट्ट का नाम भी लिखा है.उनके नाम के आगे लिखा है कैश. यानी जिस फील्ड मार्शल की बदौलत यह राज्य आज अस्तित्व में है उस राज्य में उनका इलाज भी उनके परिजन बिना इंश्योरेंस, बिना सरकारी इमदाद के करवाने के लिए मजबूर है.ICU में अंदर जाना मना है,लेकिन जिस शख्स नें अपनी पूरी जिंदगी इस राज्य के लिए न्यौछावर कर दी,जिसने कभी चुप रहना नहीं सीखा आज वह ज़ीवन की अंतिम सांध्यबेला में है.डाक्टरों नें हाथ खड़े कर दिए है और इलाज की जगह दुआओं की बात कहीं है.
राज्य आंदोलनकारी के इस सिपाही की यह दशा देख कर मेरी भी आँखें भर आई..लेकिन यही नियति है जों फील्ड मार्शल के जीवन की सांध्यबेला की ओर नाकार तंत्र को कोस रहीं है.
परिजनों से बात हुईं तों बोलें डाक्टरों ने कहा, अब घर ले जाओ…जिसकी तैयारी परिजन कर रहें है…उत्तराखंड आंदोलन के प्रणेता फील्ड मार्शल दिवाकर भट्ट जिन्होंने पिछले 9 दिनों से पानी का एक घूट तक नहीं पिया आज पितामह भीष्म की तरह सरशैय्या पर हैं.
पहाड़ के प्रति समर्पित, पहाड़ का बेटा, श्रीयंत्र टापू से लेकर लाल किले की प्राचीर तक तूफान खड़ा करने वाला फील्ड मार्शल नियति और सिस्टम के आगे बेवस होकर महंत इन्द्रेश हॉस्पिटल के HDU वार्ड में अचेत अवस्था में पड़ा है.
राज्य आंदोलन और उसकी प्राप्ति के जनक दिवाकर भट्ट की स्थिति देखकर उम्मीदों का चिराग धीरे-धीरे बुझ रहा है. सत्ता पक्ष मंत्री संत्री तों छोड़िए गली कुचे के एक नेता को यदि बुखार आ जाए तो उसे दिल्ली एम्स या गुड़गांव के मेदांता ले जाया जाता है,लेकिन राज्य आंदोलन की लड़ाई में जिस शख्स नें अपना सब कुछ कुर्बान कर दिया उसका इलाज करवाना तों दूर की बात उसकी नाजुक हालत देखने तक कोई नहीं आया.
उत्तराखंड का एक ऐसा शेर जिसे बाला साहब ठाकरे नें शिव सेना के मंच पर भाषण देनें का आग्रह किया और उसे फील्ड मार्शल की उपाधि दी, आज वहीं फील्ड मार्शल दिवाकर भट्ट अपनों की लड़ाई लड़ते-लड़ते अपनों के आगे ही अपनी जिंदगी की जंग हारने के कागार पर खड़ा है.
उम्मीदों का चिराग धीरे-धीरे बुझ रहा है.. मैं ईश्वर से राज्य आंदोलनकारी दिवाकर भट्ट के स्वस्थ होने की कामना करता हूं…🙏

