अहमदाबाद सीरियल ब्लास्ट केस में 38 दोषियों को फांसी की सजा

आजाद भारत में पहली बार इतने दोषियों को एक साथ सुनाई गई फांसी की सजा

14 साल पहले 26 जुलाई 2008 को अहमदाबाद में हुए सिलसिलेवार ब्लास्ट केस में 56 बेकसूर लोगों के परिवार वालों को लंबे अंतराल के बाद न्याया मिला है। सीरियल बम ब्लास्ट में 56 लोगों की मौत हुई थी। वहीं 200 लोग घायल हो गए थे। अहमदाबाद सत्र न्यायालय के न्यायाधीश एआर पटेल की अदालत ने ब्लास्ट केस में ऐतिहासिक फैसला देते हुए 38 दोषियों को फांसी और 11 अन्य आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है।
इस मामले में फैसला 9 फरवरी को ही आना था, लेकिन बचाव पक्ष के वकील ने मामले में कुछ दस्तावेज देने के लिए समय मांगा था। तब भीड़.भाड़ वाली जगहों पर दहशत फैलाने के इरादे से किए गए 21 सीरियल ब्लास्ट ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। विस्फोट से कुछ मिनट पहलेए टेलीविजन चैनलों और मीडिया को एक ई.मेल मिला थाए जिसे कथित तौर पर ‘इंडियन मुजाहिदीन’ ने धमाकों की चेतावनी दी थी। विस्फोट मामले की जांच के लिए 28 जुलाई, 2008 को पुलिस टीम का गठन करने के बाद महज 19 दिनों के अंदर पुलिस ने 30 आतंकियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
आपको बता दें कि 26 जुलाई, 2008 को अहमदाबाद शहर 70 मिनट में 22 बम धमाकों से दहल गया था। आतंकियों ने कुल 24 बम प्लांट किए थे, जिसमें से 22 ब्लास्ट हुए। राज्य सरकार द्वारा संचालित सिविल अस्पताल, अहमदाबाद नगर निगम द्वारा संचालित एलजी अस्पताल, बस,साइकिल, कार और अन्य स्थानों पर एक-एक करके ये धमाके हुए थे। इस घटना में 56 लोगों की मौत हुई थी।

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