काशी विश्वनाथ कैरीडोर के लोकार्पण पर प्रधानमंत्री मोदी ने मांगे 3 संकल्प-स्वच्छता, सृजन और आत्मनिर्भर भारत के लिए निरंतर प्रयास

काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण, भारत को एक निर्णायक दिशा देगा, एक उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएगा। ये परिसर, साक्षी है हमारे सामर्थ्य का, हमारे कर्तव्य का। अगर सोच लिया जाए, ठान लिया जाए, तो असंभव कुछ भी नहीं। यह बात आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र काशी में काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के अवसर पर कही।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आप यहां जब आएंगे तो केवल आस्था के दर्शन नहीं करेंगे। आपको यहां अपने अतीत के गौरव का अहसास भी होगा। कैसे प्राचीनता और नवीनता एक साथ सजीव हो रही हैं, कैसे पुरातन की प्रेरणाएं भविष्य को दिशा दे रही हैं, इसके साक्षात दर्शन विश्वनाथ धाम परिसर में हम कर रहे। उन्होंने कहा कि पहले यहां जो मंदिर क्षेत्र केवल तीन हजार वर्ग फीट में था, वो अब करीब 5 लाख वर्ग फीट का हो गया है। अब मंदिर और मंदिर परिसर में 50 से 75 हजार श्रद्धालु आ सकते हैं। यानि पहले मां गंगा का दर्शन.स्नान, और वहां से सीधे विश्वनाथ धाम पहुंचेंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा काशी तो काशी है! काशी तो अविनाशी है। काशी में एक ही सरकार है, जिनके हाथों में डमरू है, उनकी सरकार है। जहां गंगा अपनी धारा बदलकर बहती हों, उस काशी को भला कौन रोक सकता है। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा-मैं आपसे अपने लिए नहीं, हमारे देश के लिए तीन संकल्प चाहता हूं. स्वच्छता, सृजन और आत्मनिर्भर भारत के लिए निरंतर प्रयास।
इससे पहले सुबह 10 बजकर 40 मिनट पर पीएम मोदी वाराणसी के बाबतपुर एयरपोर्ट पहुंचे जहां यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हवाई अड्डे पर उनकी अगवानी की। बता दें कि काशी विश्वनाथ धाम के उद्घाटन समारोह में 2,000 से अधिक प्रमुख महंतों, संतों को आमंत्रित किया गया।

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