बुजुर्ग दंपत्ति की कोर्ट से गुहार – बहु-बेटे से पोता-पोती या 5 करोड़ हर्जाना दिलाएं

अकेलेपन में इंसान किस मानसिक यंत्रणा में गुजरता है इसका अंदाजा लगाना आसान नहीं है। औलाद को पढ़ा-लिखा कर एक कायमयाब ंइंसान बनाने में जीवनभर की कमाई खर्च करने बाद बुढ़ापे में पास में न पैसा रहता है और न औलाद ही रहती है तो इंसान चारों ओर से टूट जाता है। हरिद्वार में ऐसे ही एक दम्पत्ति का रोचक मामला सामने आया है जिन्होंने अपने इकलौते बेटे पर जीवनभर की पूंजी खर्च दी। लड़के के पिता ने बेटे को पढ़ाने से लेकर नौकरी के लिए ट्रेनिंग कराने पर अपना पूरा पैसा खर्च कर दिया था। उसे पायलट बनाने के लिए अमेरिका में ट्रेनिंग दिलवाई। जबकि घर बनाने के लिए बैंक से लोन लिया। अब उनके पास अपनी जरूरतों के लिए कुछ नहीं बचा है जिस कारण वे आर्थिक और व्‍यक्तिगत तौर पर बहुत परेशान हैं।
बुजर्ग दंपत्ति के बहु-बेटे न तो साथ रहते हैं। न ही बच्चे पैदा करते हैं। जिस कारण वे मानसिक यंत्रणा से गुजर रहे हैं। उनके पास अब इतनी पूंजी भी नहीं है कि अपनी अवश्यकताओं को पूरा कर सकें। उन्होंने कोर्ट में मामला दर्ज कर गुहार लगायी है कि उनके बहु-बेटा पोते-पोतियां पैदा करें या हर्जाने के रूप में पांच करोड़ रूपया दें।
कोर्ट में याचिकाकर्ता के अधिवक्ता के अनुसार भारत के महारत्न संस्थान बीएचईएल में एक अधिकारी के पद से सेवानिवृत्त हुए संजीव रंजन प्रसाद अपनी पत्नी साधना प्रसाद के साथ हरिद्वार की एक हाउसिंग सोसाइटी में रहते हैं। इस बुजुर्ग दंपत्ति ने वर्ष 2016 में अपने इकलौते बेर्ट श्रेय सागर की शादी धूमधाम के साथ नोएडा की सुभांगी सिन्हा के साथ की थी। दंपत्ति के बहु-बेटा दोनो जॉब करते हैं। बेटा श्रेय सागर एक एयरलाइंस में पायलट है, जबकि बहु नोएडा की एक कंपनी में नौकरी करती है। अपने अकेलेपन से परेशान बुजुर्ग दंपत्ति ने कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा है कि विवाह के 6 साल बाद भी उनके बेटे.बहू बच्‍चे पैदा नहीं कर रहे हैं। इसकी वजह से उन दोनों को बहुत मानसिक यंत्रणा से गुजरना पड़ रहा है।
दंपती ने कहा है कि हमने अपने बेटे की परवरिश में, उसे काबिल बनाने में अपना सबकुछ लगा दिया। इसके बाद भी हमें इस उम्र में अकेले रहना पड़ रहा हे जो कि किसी यातना से कम नहीं है। ऐसी स्थिति में या तो हमारे बहू.बेटे हमें हमें पोती.पोता दें, लड़का हो या लड़की हमें इससे कोई मतलब नहीं है। या फिर वे हमें ढाई-ढाई करोड़ रुपये दें जो उन पर खर्च किया गया है। कोर्ट में इस मामले में अगल हफ्ते सुनवाई होनी है।

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