सुप्रीम कोर्ट करेगा ‘धर्म संसद’ Hate Speech विवाद की सुनवाई
- वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने दायर की थी जनहित याचिका
- वसीम रिजवी (जितेंद्र नारायण त्यागी), साध्वी अन्नपूर्णा, धर्मदास, संत सिंधु सागर और यति नरसिंहानंद के खिलाफ हरिद्वार में दर्ज हैं मुकदमे
हाल में ही हरिद्वार में हुई ‘धर्म संसद’ में एक समुदाय के विरुद्ध दिए गए घृणा और नफरत संबंधी बयानों के विवाद के मामले में सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा। कांग्रेस के नेता और सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल द्वारा जनहित याचिका दायर कर धर्म संसद के दौरान भड़काऊ बयान देने वाले लोगों के खिलाफ कार्यवाही का अनुरोध किया था। चीफ जस्टिस एन वी रमण की अध्यक्षता वाली पीठ ने कपिल सिब्बल की दलीलों को सुना। कपिल सिब्बल ने कोर्ट में कहा कि हरिद्वार धर्म संसद में जो हुआ उस संबंध में मैंने यह जनहित याचिका दाखिल की है। उन्होंने कहा हम मुश्किल दौर में जी रहे हैं, जहां देश में सत्यमेव जयते का नारा बदल गया है कपिल सिब्बल को सुनने के बाद चीफ जस्टिस एन वी रमण ने कहा कि ठीक है कोर्ट मामले पर सुनवाई करेगा आपको बता दें कि इस मामले में उत्तराखंड सरकार ने पहले ही कार्यवाही के निर्देश दे रखे हैं पुलिस ने मामले की जांच के लिए एसआईटी भी गठित की है। जो एक एक पहलू की गंभीरता से जांच कर रही है। दूसरी ओर महमंडलेश्वर यतींद्रानंद गिरी का कहना है कि हिंदू धर्म संस्कृति और परंपराओं पर जो आघात हो रहा है, प्रतिष्ठित साधु-संतों ने उस पर चोट की। धर्म संसद से जिहादी और अलगाववादी ताकतें परेशान हो गई हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा की डबल इंजन सरकार ने जिहादियों और वेटिकन सिटी के दबाव में आकर संतों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। उन्होंने कहा कि संतों ने देशद्रोही और जिहादियों के खिलाफ संघर्ष करने की बात कही है।