Tuesday, October 15, 2024
IndiaNews

आचार्यश्री ने यूनिवर्सिटी पर न्यौछावर किया अपना वात्सल्य। टीएमयू की भव्यता देखकर संतश्री बोले- अद्भुत

तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के लिए 24 जून की शाम अविस्मरणीय बन गई। श्रमणाचार्य श्री 108 विमर्श सागर और उनके संघ ने यूनिवर्सिटी कैंपस पर अपना पूरा वात्सल्य न्यौछावर कर दिया। 140 एकड़ में आच्छादित कैंपस में चौतरफा हरियाली और शानदार इंफ्रास्ट्रक्चर देखकर आचार्यश्री बोले, अद्भुत। इस अनमोल भ्रमण में कुलाधिपति श्री सुरेश जैन, जीवीसी श्री मनीष जैन, एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर श्री अक्षत जैन संतश्री के संग रहे। दूसरी ओर परमपूज्य सूरिगच्छाचार्य शुद्धोपयोगी संत श्री 108 विराग सागर जी महामुनिराज के परम प्रभावक शिष्य जिनागम पंथ प्रवर्तक, जीवन है पानी की बूंद महाकाव्य के मूल रचयिता, आहार जी के छोटे बाबा, विमर्श लिपि के सृजेता परमपूज्य भावलिंगी संत श्रमणाचार्य श्री 108 विमर्श सागर जी महामुनिराज ससंघ- 23 पिच्छी तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी कैंपस में दो दिन धर्म की अलख जगाकर गाजियाबाद की ओर मंगल विहार कर गए हैं। उल्लेखनीय है, आचार्यश्री और उनका संघ गाजियाबाद के कविनगर में अपना चातुर्मास करेगा।

कुलाधिपति के नवीन कार्यालय में भी आचार्यश्री का मंगल प्रवेश
श्री 108 विमर्श सागर जी महामुनिराज ससंघ ने यूनिवर्सिटी कैंपस का भ्रमण भी किया। कुलाधिपति श्री सुरेश जैन, जीवीसी श्री मनीष जैन, एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर श्री अक्षत जैन के नवीन कार्यालयों को भी आचार्यश्री और उनके संघ के चरण रज का सौभाग्य प्राप्त हुआ। आचार्यश्री ने कुलाधिपति भवन की छत से यूनिवर्सिटी का विहंगम दृश्य भी निहारा। कुलाधिपति ने उन्हें यूनिवर्सिटी के इंफ्रास्ट्रक्चर और विशेषताओं के बारे में बताया। उन्होंने मेडिकल कॉलेज, एफओईसीएस, ऑडिटोरियम, लार्डस के क्रिकेट मैदान की तर्ज पर निर्मित पवेलियन आदि का भी भ्रमण किया।

आचार्यश्री के भजन…जीवन है पानी की बूंद पर झूमा संत भवन
मंगल विहार की पूर्व संध्या को संत भवन में आरती, भजनों, आशीर्वचन, सम्मान कार्यक्रमों के अलावा सेल्फी, मोबाइल और कैमरों में जीवन है पानी की बूंद महाकाव्य के मूल रचयिता के संग-संग पूरे संघ के सामूहिक चित्र लेने की आस्था उमड़ी। आचार्यश्री ने जीवन है पानी की बूंद कब मिट जाए रे… होनी अनहोनी कब क्या घट जाए रे… भजन से माहौल को भक्तिमय बना दिया। संत भवन के अपने आशीर्वचन में आचार्यश्री बोले, संस्कारों और उच्च शिक्षा का तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी उत्कृष्ट केन्द्र है। जैन पंथ से हों या अजैन पंथ से हों सभी के लिए टीएमयू जैसा सुरक्षित और संस्कारी स्थान और कोई नहीं हो सकता है।

फर्स्ट लेडी ने सुरीली आवाज में सुनाया गुरूभक्ति भजन
अंत में कुलाधिपति श्री सुरेश जैन और उनकी पुत्रवधू श्रीमती ऋचा जैन ने संघ में शामिल ब्रहमचारिणी दीदियों को स्मृति चिन्ह भी भेंट किए। संत भवन में आचार्यश्री ससंघ के साथ आचार्य भक्ति और आरती… गुरूवर हम सब उतारें तेरी आरती… से माहौल भक्तिमय हो गया। आरती में बड़ी संख्या में श्रावक-श्राविकाओं ने भाग लिया। इससे पूर्व फर्स्ट लेडी श्रीमती वीना जैन ने आचार्यश्री के सम्मान में भजन… मनवा मगन भयो रे साधु को बुलाए के… हम तो खावें लड्डु पेड़ा जलेबी मंगाए के, साधु खाएं नीरस भोजन अंतराय को टाल के.. प्रस्तुत किया। इस मौके पर निदेशक पीएंडडी डॉ. विपिन जैन, निदेशक टिमिट श्री विपिन जैन, डॉ. एसके जैन, डॉ. अक्षत जैन आदि की भी उल्लेखनीय मौजूदगी रही।

आचार्यश्री ने जीवीसी से कराया श्रीजी का अभिषेक
मंगल विहार से पूर्व शनिवार की अल सुबह जिनालय में आचार्यश्री ने अपने मुखारविंद से अभिषेक और शांतिधारा जीवीसी श्री मनीष जैन से कराई। इस मौके पर उनकी धर्मपत्नी श्रीमती ऋचा जैन, डॉ. कल्पना जैन, डॉ. अर्चना जैन, डॉ. रवि जैन और श्रावक-श्राविकाओं ने आचार्यश्री विमर्श सागर सहित ससंघ की भजन गाते हुए तीन परिक्रमाएं लगाईं। आचार्यश्री और उनके संघ का पहला पड़ाव टीएमयू से दिल्ली की ओर 11 किमी की दूरी पर हुआ, जहां पर उनका आहार एवम् पड़गाहन टीएमयू की फैकल्टीज़ और स्टुडेंट्स- श्रेय जैन, पारस जैन, जतिन जैन, विराग जैन, वैभव जैन, प्रयास जैन, धार्मिक जैन आदि ने किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!