श्रद्धालुओं को गंगा स्नान से रोकने के दावे हवा हुये

हरिद्वार। प्रशासन द्वारा गुरु पूर्णिमा के अवसर पर गंगा स्नान के लिए श्रद्धालुओं को हरिद्वार न आने देने की घोषणा के बावजूद आज हजारों श्रद्धालुओं ने हरिद्वार में हर की पैड़ी और गंगा घाटों में पवित्र डुबकी लगाई। स्थानीय प्रशासन ने 24 जुलाई को गुरु पूर्णिमा का स्नान पर्व सांकेतिक रखते हुए कहा था कि  गंगा सभा के लोग और तीर्थ पुरोहित ही सांकेतिक रूप से पूजन व स्नान करेंगे। आज हरकी पैड़ी क्षेत्र में कोरोना प्रोटोकॉल पालन करवाने के प्रशासन के दावे भी हवाई साबित हुए। यहां पर न तो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हुआ और न ही ज्यादातर लोगों ने मास्क लगा रखा था। गुरू पूर्णिमा पर गत रात्री उत्तर प्रदेश से लगते श्यामपुर बॉर्डर से हरिद्वार आ रहे कांवड़ियों के 5 वाहन लौटाए गए थे। गुरूकुल नारसन, चिड़ियापुर, श्यामपुर, भगवानपुर बार्डर से करीब 120 वाहनों को वापस लौटाया गया था। इनमें से किसी के पास भी आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट नहीं थी। जब उत्तराखण्ड बार्डर पर प्रवेश से पहले वाहन स्वामियों से कोरोना टेस्ट करवाने के लिए कहा गया तो उन्होंने मना कर दिया। कोरोना के खतरे को देखते हुए प्रशासन द्वारा कांवड़ मेला स्थगित करने के बाद हरिद्वार जिले के बॉर्डर पर पुलिस की सख्ती बढ़ा दी है। 

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