दिल्ली-देहरादून इकोनॉमिक कॉरिडोर : भज्जू कट को लेकर टिकैत का आर-पार की लड़ाई लड़ने का ऐलान!
दिल्ली/देहरादून। देश की राजधानी दिल्ली और उत्तराखण्ड की राजधानी देहरादून को जोड़ने वाले राष्ट्रीय महत्व के Delhi-Dehradun Economic Corridor पर भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष राकेश टिकैत के तेवर तल्ख हो गये हैं। शामली जनपद के भज्जू कट लेकर उन्होंने आर-पार की लड़ाई का एलान कर दिया है। उन्होंने यह तक कह दिया है कि हाईवे हमारे छाती से होकर गुजरेगा। जिसके बाद 6लेन हाइवे के समय पर पूरा पर संशय के बादल मडराने लगे हैं।
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत ने कहा है कि दिल्ली-देहरादून इकोनामिक कॉरिडोर भज्जू कट के बिना संचालन हुआ चला तो हाईवे हमारी छाती से होकर गुजरेगा। भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत मंगलवार को सिसौली के किसान भवन में आयोजित मासिक पंचायत में पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने दिल्ली देहरादून इकोनामिक कॉरिडोर पर भज्जू कट को लेकर कहा कि सरकार ने भज्जू कट को अपनी प्रतिष्ठा का सवाल बना लिया है। यदि यह सरकार की प्रतिष्ठा का सवाल है तो यह हमारी भी प्रतिष्ठा का सवाल है। इसी में आर-पार की लड़ाई होगी। यदि हाईवे चला तो हमारी छाती से होकर गुजरेगा। कॉरिडोर पर भज्जू में ही नहीं बल्कि राजपुर व छाजपुर, बामनौली और दोघट के बीच में भी लिया जाएगा। राकेश टिकैत नेDelhi-Dehradun Economic Corridor पर भज्जू कट के लिए किसानों को पैदल मार्च करने को भी कहा।
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश अंतर्गत शामली जनपद के भज्जू में दिल्ली.देहरादून हाईवे पर निर्माण एजेंसी ने बीते दिनों काम फिर से शुरू करा दिया था। जिसका पता चलने पर किसान मौके पर पहुंचे और नारेबाजी करते हुए हंगामा कर कार्य को रुकवा दिया। सूचना पर मुजफ्फरनगर से भाकियू नेता गौरव टिकैत और अन्य किसान भी पहुंचे थे और धरना देकर बैठ गये थे। तब इंटरचेंज नहीं मिलने तक काम शुरू नहीं करने देने की चेतावनी किसानों ने दी। चेतावनी दी कि यदि काम शुरू किया गया तो मशीनों को आग लगा दी जाएगी।
मामले की सूचना पाते ही भाकियू युवा के राष्ट्रीय अध्यक्ष गौरव टिकैत और मुजफ्फरनगर से काफी संख्या में किसान पहुंचे और धरना देकर बैठ गए। गौरव ने कहा कि किसानों को सरकार हर तरह से परेशान कर रही है। तीन काले कानूनों को भी 13 माह के धरने के बाद ही वापस लिया गया था। यदि हाईवे पर इंटरचेंज नहीं दिया गया तो किसी भी सूरत में काम शुरू नहीं होने दिया जाएगा। इसके लिए चाहे कोई भी कुर्बानी क्यों न देनी पड़े।
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