उत्तराखण्ड में कोरोना का डेल्टा प्लस वेरिएंट मिलने से हड़कंप
-त्रिलोक चन्द्र भट्ट
देहरादून। भारत के 12 राज्यों में मिले कोरोना के डेल्टा प्लस वेरिएंट के बाद उत्तराखण्ड के उधमसिंहनगर जनपद में राज्य का पहला मामला सामने आने के बाद प्रदेश में हड़कंप मच गया है। क्योंकि कई स्ट्रेन में बदल चुके कोविड-19 वायरस के डेल्टा वैरिएंट B.1.617.2 को अब तक का सबसे खतरनाक वैरिएंट माना जा रहा है। डेल्टा प्लस संस्करण को B.1.617.2.1 या AY.1 भी कहा जाता है। लगभग 12 देशों में इसकी पहचान की गई है। वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि डेल्टा वेरिएंट ही विकसित होकर डेल्टा प्लस बन गया है । WHO द्वारा SARS-CoV-2 वायरस के अन्य 10 प्रकारों के साथ इसकी निगरानी की जा रही है। इस वैरिएंट को वैरिएंट ऑफ़ कंसर्न (VoC) भी कहा गया है। डेल्टा वेरिएंट की स्पाइक में K417N म्यूटेशन जुड़ जाने का कारण डेल्टा प्लस वेरिएंट बना है।
मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब, गुजरात, केरल, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, ओडिशा, राजस्थान, जम्मू कश्मीर, कर्नाटक और हिमाचल के बाद उत्तराखण्ड के उधमसिंहनगर जनपद स्थित दिनेशपुर में राज्य का पहला डेल्टा प्लस वेरिएंट केस मिला है। यहां कुछ समय पहले लखनऊ से आए एक बीटेक के छात्र की कोरोना टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आयी थी। जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए रेंडम जांच के तहत भेजे गए पांच प्रतिशत नमूनों में उसका भी सैंपल शामिल था। देहरादून से युवक के सैंपल की जीनोम सिक्वेसिंग में डेल्टा प्लस वेरिएंट मिलने की पुष्टि के बाद से ही ऊधमसिंह नगर जिले के स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मचा हुआ है।
अप्रेल में लखनऊ से दिनेशपुर के वार्ड नम्बर 3 में अपने चाचा-चाची के घर आये युवक को बीती 20 मई को युवक को बुखार आया था। 24 मई को युवक की कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उसे होम आइसोलेट किया गया तब युवक अपनी दादी के घर बुखसौरा, कालीनगर में ही होम आइसोलेट हुआ था। इसके बाद 9 मई को वह वापस लखनऊ अपने घर चला गया था। अब युवक के संपर्क में आये लोग ट्रेस किये जा रहे हैं। लखनऊ के बलरामपुर अस्पताल परिसर में रहने वाले युवक की मां नर्स है और वह मूल रूप से बलिया यूपी के रहने वाले हैं। युवक लखनऊ से बीटेक कर रहा है। उधमसिंहनगर के दिनेशपुर में भी उनका एक मकान है।