शिक्षा मंत्री ने उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय में किया अनेक भवनों का लोकार्पण

हरिद्वार। उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय में राज्य के प्राथमिक,माध्यमिक, संस्कृत ,उच्च शिक्षा एवं सहकारिता मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने अनेक भवनों का लोकार्पण किया।
राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के तहत बने डिजिटल पुस्तकालय, सभागार एवं व्यायामशाला का उद्घाटन डॉ धन सिंह रावत ने फीता काटकर किया। लोकार्पण समारोह को सम्बोधित करते हुए संस्कृत शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने कहा कि अब शिक्षकों को केवल शिक्षा पर ही केन्द्रित किया जाएगा,शिक्षा से अलग कार्यों से शिक्षक जल्दी ही मुक्त होंगे।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि राज्य के हर जिले में संस्कृत का एक ग्राम बनाने के लिए कार्ययोजना शुरू की जा चुकी है,इस योजना के तहत सरकार का लक्ष्य सालभर में 5 लाख लोगों को संस्कृत का सामान्य ज्ञान कराना है। यह योजना मात्र डेढ़ साल के भीतर धरातल पर दिखेगी।
उन्होंने कहा कि 18 अगस्त से 14 अगस्त तक पूरे प्रदेश में संस्कृत सप्ताह मनाया जाएगा,सरकार ने राज्य में यह वर्ष संस्कृत वर्ष के रूप मनाने का संकल्प लिया है। आगामी महीनों में विश्वविद्यालय का मास्टर प्लान तैयार कर इसे संस्कृत का सर्वोच्च संस्थान बनाने की योजना है।
उन्होंने कहा जो छात्र गरीबी के कारण संस्कृत की पढ़ाई नहीं कर पाते हैं उनके प्रोत्साहन के लिए सरकार नई योजनाएं शुरू करेगी।
स्थानीय विधायक आदेश चौहान ने शिक्षा मंत्री के समक्ष विश्वविद्यालय के शिक्षकों के एरियर भुगतान,वेतन,पदोन्नति सम्बन्धी समस्याएं रखीं।विधायक ने कहा कि प्रशासनिक भवन के लोकार्पण समारोह में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शिक्षकों की समस्याओं के समाधान करने की घोषणा मंच से की थीं जिनका समाधान अब तक नहीं हो पाया है। स्थानीय विधायक ने शिक्षा मंत्री का ध्यान गम्भीरता से शिक्षक ,कर्मचारियों की समस्याओं की ओर आकृष्ट कराया।
कुलपति प्रोफेसर देवी प्रसाद त्रिपाठी ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विश्वविद्यालय की उन्नति के लिए अनेक बिंदुओं पर शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत को स्मरण दिलाया। कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय में आउटसोर्सिंग के माध्यम से कर्मचारी वर्षों से निष्ठा पूर्वक अपनी सेवाएं दे रहे हैं,इनके बारे में भी सरकार को अवश्य विचार करना चाहिए।उन्होंने कहा कि संस्कृत के विकास के लिए वह हर सम्भव कोशिश कर रहे हैं। धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव गिरीश कुमार अवस्थी ने किया। कार्यक्रम का संचालन डीन अकादमिक सह आचार्य व्याकरण डॉ शैलेश तिवारी ने किया। मंगलाचरण वेद विभागाध्यक्ष डॉ अरूण कुमार मिश्र ने किया। कार्यक्रम में संस्कृत शिक्षा निदेशक डॉ शिवप्रसाद खाली , सहायक निदेशक डॉ वाजश्रवा ,वित्त नियंत्रक लखेन्द्र गोन्थियाल,उपकुलसचिव दिनेश कुमार सहित विश्वविद्यालय के आचार्य ,सह आचार्य, सहायक आचार्य शिक्षणेतर कर्मचारी,संस्कृत महाविद्यालयों के प्राचार्य,शिक्षक तथा छात्र छात्राएं उपस्थित थे।

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