हरिद्वर में 6 घंटे तक मरे हुए मरीज का इलाज करते रहे डॉक्टर

हरिद्वार के रुड़की स्थित एक प्राइवेट अस्पताल में अक्षय कुमार की ‘‘गब्बर इज़ बैक’’ फिल्म की तरह ही मामला सामने आया है, जहां डॉक्टर मरीज के मरने के बाद भी इलाज के नाम पर मृतक के परिजनों से पैसे वसूलता रहा।

लक्सर क्षेत्र के सतीश को निमोनिया का शिकायत होने पर 24 जून को सुबह 3 बजे उसे रुड़की के एक बहुचर्चित अस्पताल में आपातकाल में भर्ती कराया गया। इलाज के दौरान आने वाला सभी खर्ज परिवार वालों के द्वारा दिया गया, जिसमें परिजनों द्वारा 1200 रुपये इमरजेंसी फीस जमा कराई गई। सुबह 8 बजकर 24 मिनट पर मरीज का ब्लड़ टेस्ट किया गया। डॉक्टर यहीं नहीं रुके, उन्होंने 8 बजकर 36 मिनट पर मरीज के लिए दवाइयां भी लिखीं। इलाज के नाम पर अस्पताल की इस खानापूर्ति को 6 घंटे बीत चुके थे और अभी तक सब कुछ ठीक चल रहा था, लेकिन अचानक गब्बर फिल्म का सीन याद आ गया और 9 बजकर 36 मिनट पर मरीज को मृत घोषित कर दिया गया। इस दौरान मरीज के परिजनों से 24 हजार रुपये भी वसूले गए।

चलिए व्यक्ति अब धरती पर आया है तो उसकी मौत भी होगी, जो कि प्राकृतिक है, लेकिन डेथ सर्टिफिकेट देखकर परिवार वालों के होश ही उड़ गए। क्योंकि मरीज को सुबह तीन बजे अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 9 बजकर 36 मिनट तक मरीज का इलाज डॉक्टर करते रहे, लेकिन डेथ सर्टिफिकेट में दर्शाया गया कि मरीज के मौत तो सुबह पांच बजकर 54 मिनट पर ही हो चुकी थी। यानी अस्पताल में आने के 3 घंटे अंदर ही मरीज मर गया था।

मृतक के साले कपिल ने जब बिल और कागजों की जानकारी अस्पताल प्रबंधन से लेनी चाही तो उन्हें किसी भी प्रकार का संतोषजनक जवाब नहीं मिला। कपिल ने रुड़की गंगनहर कोतवाली में तहरीर दी। हालांकि पुलिस में तहरीर देने के बाद अस्पताल ने एक और डेथ सर्टिफिकेट जारी किया है, जिसमें मौत का समय 9 बजकर 34 मिनट दिखाया गया है।

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