इधर वनकर्मियों के नेता का ट्रांस्फर और उधर 40 दिन से चल रहा आन्दोलन समाप्त

उत्तराखण्ड में वन कर्मियों द्वारा हरिद्वार वन प्रभाग के डीएफओ धर्म सिंह मीणा के खिलाफ खोला गया मोर्चा औंधे मुंह गिर गया है। जिसकी परिणति हरिद्वार में आन्दोलन का नेतृत्व करने वाले वन कर्मियों के नेता उत्तराखंड फोरेस्ट संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक चन्द्रशेखर जोशी के ट्रांस्फर के रूप में सामने आयी। उनका ट्रांस्फर हरिद्वार वन प्रभाग कार्यालय से अलकनंदा भूमि संरक्षण वन प्रभाग गोपेश्वर किया गया है। उधर कर्मचारियों के प्रांतीय नेतृत्व की प्रमुख वन संरक्षक से देहरादून में हुई वार्ता के बाद आन्दोलन भी खत्म हो गया और कर्मचारी काम पर लौट आये।
आपको बता दें कि हरिद्वार वन प्रभाग में कार्यभार संभालने के एक सप्ताह बाद ही डीएफओ धर्म सिंह मीणा पर अभद्रता का आरोप लगाते हुए यहां के वन कर्मचारियों द्वारा करीब 40 दिन पूर्व 13 दिसंबर 2021 से आंदोलन शुरू कर दिया गया था। कर्मचारी डीएफओ के ट्रांसफर की मांग को लेेकर अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार कर प्रदर्शन कर रहे थे। धीरे-धीरे उन्होंने अन्य इकाईयों का समर्थन जुटाया जिसके बाद आन्दोलन पूरे उत्तराखण्ड में फैल गया। प्रदेश के अन्य कर्मचारी भी आन्दोलन में शामिल हो गये। पिछले सप्ताह हरिद्वार के वन कर्मचारियों के आंदोलन के समर्थन में वन विभाग के समस्त 38 वन प्रभागीय कार्यालयों में भी प्रदेशव्यापी हड़ताल शुरू कर दी गई थी। कर्मचारियों के आरोपों की जांच और कई दौर की बातचीत के बाद भी जब आन्दोलित कर्मचारी नहीं माने तो वन विभाग के कड़ा कदम उठाते हुए शेखरचंद्र जोशी का ट्रांस्फर कर दिया। जैसे ही जोशी का ट्रांसफर आदेश वन प्रभाग कार्यालय में पहुंचा तो अन्य वन कर्मियों में खलबली मच गई । मुख्य वन संरक्षक गढ़वाल सुशांत कुमार पटनायक का कहना है कि ट्रांसफर एक प्रशासनिक व्यवस्था है। इसके आधार पर ट्रांस्फर किया गया है। ट्रांस्फर का कर्मचारियों के आंदोलन से कोई लेना-देना नहीं है।

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