मुस्लिम छात्राओं के हिजाब व बुर्के के जवाब में हिदु छात्राओं की भगवा शाल

जब स्कूल कालेजों की यूनिफार्म के बजाय यूनिफार्म कोड का उल्लंघन कर मजहब से जुड़े प्रतीकों को पहन कर छात्राएं पढ़ाई के लिये जायेंगी तो स्वाभाविक है कि स्कूल कालेजों का अनुशासन भंग होगा। और तनाव उत्पनन्न होगा।
बीते दिनों कर्नाटक में उडुपी जिले के पीयू सरकारी कालेज में कुछ ऐसा ही हुआ जब मुस्लिम समुदाय की 6 छात्राएं स्कूल यूनिफार्म के बजाय हिजाब पहन कर कालेज पहुंची। विद्यालय प्रशासन ने कालेज यूनिफार्म की जगह हिजाब पहनने वाली छात्राओं को आनलाइन क्लास का विकल्प अपनाने को कहा तो छात्राओं ने कालेज के फैसले को मानने से इनकार कर दिया। विवाद इतना बढ़ा कि जब कुंडापुर प्री.यूनिवर्सिटी कालेज की 27 मुस्लिम छात्राएं हिजाब पहनकर कक्षा में आई तो उसके जवाब में हिंदू छात्राओं ने भी भगवा शाल ओढ़ रखा था। विद्यालय अनुशासन और ड्रेस के मामले में मुस्लिम छात्राओं के अभिभावकों को समझाने के मुद्दे पर भाजपा विधायक हालादि श्रीनिवास शेट्टी की अध्यक्षता में हुई बैठक भी बेनतीजा रही। विधायक शेट्टी ने जब राज्य के शिक्षा मंत्री बीसी नागेश से इस मुद्दे पर हस्तक्षेप की मांग की तो शिक्षा मंत्री ने कालेज के अधिकारियों से स्पष्ट रूप से कह दिया है कि छात्राएं केवल यूनिफार्म में आ सकती हैं। न तो वे हिजाब पहनकर आ सकती हैं और न ही भगवा शाल की अनुमति दी जाएगी।
दूसरी ओर हिजाब पहनने पर एक महीने से ज्यादा समय से चल रहा विवाद अब राज्य के दूसरे हिस्सों में पहुंच गया है। शिवमोगा जिले के भद्रावती में एम. विश्वेश्वरैया सरकारी कला एवं वाणिज्य कालेज में भी बुधवार को हिजाब पर विवाद पैदा हो गया। कालेज के अधिकारियों ने कहा कि 2010 से ही यूनिफार्म कोड लागू है। मुस्लिम छात्राओं के लिए अलग से कमरे की व्यवस्था की गई है जहां वे हिजाब हटाकर यूनिफार्म पहनकर कक्षा में आ सकती हैं। हिंदू छात्राओं की मांग है कि यदि हिजाब और बुर्का को अनुमति है तो भगवा शाल को भी अनुमति दी जानी चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!