शिक्षा का भारतीयकरण ही नई शिक्षा नीति का उद्देश्य: उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू
गायत्री तीर्थ शांतिकुंज हरिद्वार में दक्षिण एशियाई देश शांति एवं सुलह संस्थान का उद्घाटन करने पहुंचे उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा कि शिक्षा का भारतीयकरण ही नई शिक्षा नीति का उद्देश्य रहा है। उन्होंने कहा कि समाज के सभी वर्गों को शिक्षा से जोड़ना होगा। उपराष्ट्रपति नायडू ने कहा भारत के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, मुख्य न्यायाधीश से लेकर प्रधानमंत्री मातृ भाषा में ही शिक्षा ग्रहण कर देश के सर्वाेच्च पदों पर आसीन हैं। विविधता में एकता भारत की विशेषता रही है। मैकाले शिक्षा पद्धति को छोड़ हमें अपने बच्चों को गुलामी की मानसिकता से दूर भारतीय संस्कृति और परंपरा से अवगत कराना होगा, तभी उनका भविष्य उज्ज्वल होगा।
उपराष्ट्रपति ने देव संस्कृति विश्वविद्यालय में सेंटर ऑफ बाल्टिक स्टडीज अंतर्गत दक्षिण एशियाई शांति एवं सुलह संस्थान का उद्घाटन करने के बाद कहा कि इससे न केवल हमारी और बाल्टिक देशों की संस्कृति मजबूत होगी, बल्कि औपनिवेशिक काल के कारण दबी विरासतों के लिये अनुसंधान भी प्रोत्साहित होंगे। उन्होंने भारतीय एवं बाल्टिक देशों की संस्कृति की समानता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बाल्टिक संस्कृति में भी पृथ्वी एवं प्रकृति की पूजा की जाती है। उन्होंने कहा कि बाल्टिक सेंटर के माध्यम से संयुक्त प्रकाशनों, सीखने के संसाधनों, अनुसंधानिक गतिविधियों के आदान-प्रदान को भी संयुक्त रूप से बढ़ावा मिलेगा। देव संस्कृति विश्वविद्यालय अन्य विदेशी संस्थाओं के साथ मिलकर योग और ध्यान का प्रचार-प्रसार कर रहा है जो प्रशंसनीय है।