‘प्रकृति में गणित’ विषय पर व्याख्यान

एस.एम.जे.एन. पी.जी. काॅलेज में आन्तरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ तथा गणित विभाग के संयुक्त तत्वाधान में ‘प्रकृति में गणित’ विषय पर में एक व्याख्यान का आयोजन किया गया।
व्याख्यान में आईएफटीएम विश्वविद्यालय मुरादाबाद की गणित विभाग की असिस्टैंट प्रोफेसर डाॅ. निधि तिवारी ने प्रकृति में गणित की उपस्थिति व उपयोगिता को विस्तार से समझाया। डाॅ. तिवारी ने प्राकृतिक वस्तुओं की समरुपता का गणितीय विश्लेषण किया और प्रकृति में गणित की उपस्थिति का विवेचन किया।
डॉ निधि तिवारी ने 16 सूत्रों और 13 उपसूत्रों के आधार पर अंकगणित, बीजगणित एवं ज्यामिति आदि के प्रश्नों को वैदिक गणित विधि से बहुत कम समय में उत्तर तक पहुंचा जा सकता है। वैदिक गणित अंकों के रहस्य में प्रकृति की जानकारी देता है। डॉ निधि तिवारी ने कहा कि थोड़े से अभ्यास के बाद वैदिक गणित से मानसिक गणना संभव हो जाती है। वैदिक गणित के अभ्यास से तर्कशक्ति, विश्लेषण और संश्लेषण की क्षमता बढ़ती है, जो नए शोध और अनुसंधान के लिए अत्यावश्यक है। इसका पूरा श्रेय भारतीय मनीषियों को जाता है। डॉ निधि तिवारी ने बताया कि भारतीय मनीषियों ने गणित जैसे गूढ़ विषय को प्रकृति के साथ जोड़ कर उसे ओर भी अधिक प्रासंगिक बनाया.
काॅलेज के प्राचार्य डाॅ. सुनील कुमार बत्रा ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि गणित में छात्र-छात्राओं की रुचि बढ़ाने के लिए ऐसे कार्यक्रम संचालित किये जाने चाहिए।
मुख्य अधिष्ठाता छात्र कल्याण डाॅ. संजय कुमार माहेश्वरी व मुख्य अनुशासन अधिकारी डाॅ. सरस्वती पाठक एवं डाॅ. जे.सी. आर्य के मार्गदर्शन में कार्यक्रम को आयोजित किया गया।
व्याख्यान माला का सफल संचालन डाॅ. विजय शर्मा द्वारा किया गया। इस अवसर पर डाॅ. पदमावती तनेजा, डाॅ. प्रज्ञा जोशी, डाॅ. पूर्णिमा सुन्दरियाल, नेहा गुप्ता, विनीत सक्सेना, प्रियंका प्रजापति, डाॅ. महिमा, प्रीति लखेड़ा, प्रिंस श्रोत्रिय सहित काॅलेज के छात्र विवेक, राहुल, खुशी, हर्षिता, दिपाशा, अर्शिका, अंजली, विशाल, पुष्कर, विवेक, सहित अनेक छात्र-छात्रा उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!