खनन माफियाओं से स्वामी शिवानंद की तीखी नोकझोंक, अवैध खनन रुकवाया, मौके पर पहुंची पुलिस – देखें वीडियो

हिमांशु भट्ट

मातृसदन के स्वामी शिवानंद सरस्वती और जल पुरुष राजेंद्र सिंह के नेतृत्व में उनके समर्थक अजीतपुर स्थित मां बालकुमारी मंदिर के समीप गंगा के तट पर पहुंचे। यहां मां गंगा में अवैध रूप से खनन किया जा रहा था। खनन करने के लिए एक अस्थायी पुल की आवश्यकता है। इसी पुल को बनाने के लिए अनुमति के बिना ही जेसीबी को गंगा नदी में उतारा गया। हैरानी की बात है कि नदी के कटाव को रोकने के लिए बनाई गई दीवार/बांध और जंगली जानवरों को रोकने के लिए लगाने गई फेंसिंग तक तोड़ दी गई थी।

जैसे ही गुरुवार की दोपहर स्वामी शिवानंद सरस्वती और जलपुरुष राजेंद्र सिंह सहित समस्त समर्थक मौके पर पहुंचे और ठेकेदार को खनन का आदेश दिखाने के लिए कहा तो ठेकेदार ने स्वामी शिवानंद को असभ्य भाषा में जवाब दिया। इस वजह से उनके समर्थक भड़क उठे और उनके बीच तीखी नोकझोंक हुई। किसी तरह से मामले को शांत कराकर ठेकेदार को खनन का आदेश लाने के लिए भेजा, लेकिन ठेकेदार/खनन माफिया डेढ़ घंटे तक गायब रहा। इसी बीच गंगा में अवैध पुल निर्माण के लिए अवैध रूप से उतरी जेसीबी का कार्य भी रुकवा दिया गया। हालांकि शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए मौके पर पुलिस भी पहुंच गई थी।

मातृसदन के समर्थकों ने स्थानीय ग्रामीणों को समझाया कि खनन माफिया आपके भोलेपन और मजबूरी का फायदा उठा रहे हैं। गंगा में खनन से नदी का प्राकृतिक संतुलन बिगड़ेगा और खेतों को निकट भविष्य में काफी नुकसान पहुंचेगा। ग्रामीणों ने भी फिर स्वामी शिवानंद का साथ दिया। हालांकि डेढ़ घंटे बाद ठेकेदार/खनन माफिया कुछ गांव वालों को अपने साथ लेकर वापस आया और कहने लगा कि मुझे एसडीएम साहब का फोन आया था, उन्होंने कहा है कि ‘‘तुम खनन बंद कर दो’’, इसलिए एसडीएम के कहने पर मैं खनन बंद कर रहा है। हालांकि यही ठेकेदार पहले आदेश दिखाने की बात कहकर गायब हुआ था, लेकिन एसडीएम का नाम लेकर जब ठेकेदार ने मामले को पलटना चाहा तो, स्वामी शिवानंद के समर्थकों ने ठेकेदार से फिर से आदेश मांगा, लेकिन इस बार ठेकेदार वहां से भाग खड़ा हुआ।

विदित हो कि बालकुमार मंदिर के समीप अवैध खनन और पुल के खिलाफ स्वामी शिवानंद सरस्वती ने 25 दिसंबर को अनशन की घोषणा की है।

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