मृत किसानों के नाम पीएम किसान सम्मान निधि, इनकम टेक्स भरने वालों ने भी डकारे लाखों रूपये। जांच के साथ ही रिकवरी शुरू

उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले के संबंध में कृषि निदेशालय लखनऊ से भेजी गयी एक रिपोर्ट में 33, 936 किसान दस्तावेजों मे मृत होने के बाद भी प्रधानमंत्री सम्मान निधि का लाभ लेने का खुलासा होने के बाद हड़कंप मच गया है। निदेशालय की तरफ से भेजी गई सूची के आधार पर अब कृषि विभाग ने जिले की छह तहसीलों के उपजिलाधिकारियों को पत्र भेजकर मृतक किसानों का सत्यापन कराने के लिए कहा है। तहसीलवार मृतक किसानों के नाम पर प्रधानमंत्री सम्मान निधि की राशि लेने के आंकड़े सामने आयेे हैं उसमें सलोन-7,260, लालगंज-7,191, रायबरेली-8,575, डलमऊ-3,833, ऊंचाहार-4,363, महराजगंज-6,547 (कुल- 33,936) किसान हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2019 में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना शुरू करने के बाद 33, 936 मृत किसानों के नाम पर 6-‘हजार प्रति किसान के हिसाब से 20, 36, 16, 000 (बीस करोड़, छत्तीस लाख सोलह हजार) रूपये प्रतिवर्ष प्रधानमंत्री सम्मान निधि ली जा रही है। किसान सम्मान निधि योजना के तहत साल में हर किसान के खाते में छह-छह हजार रुपये भेजे जा रहे हैं। जून माह में कृषि निदेशालय से उप कृषि निदेशक कार्यालय को उन किसानों की सूची भेजी है, जो पीएम सम्मान निधि योजना के लाभार्थी हैं, लेकिन उनकी मौत हो चुकी है।
निदेशालय के पत्र पर कृषि विभाग ने सलोन, लालगंज, रायबरेली, डलमऊ, ऊंचाहार, महराजगंज तहसील के उपजिलाधिकारियों को मृतक किसानों की सूची देकर सत्यापन कार्य कराने के लिए कहा है। जिस पर अधिकारियों का कहना है कि सत्यापन के बाद ही पता चल पाएगा कि किस मृतक किसान ने कितनी पीएम सम्मान निधि का लाभ लिया। उसके बाद भी संबंधित पैसे की वसूली उनके परिजनों से कराई जाएगी।
दूसरी ओर इनकम टैक्स देने के बाद भी पीएम सम्मान निधि का लाभ लेने वाले भी सरकार के रडार पर आ गये हैं। मामला पकड़ में आने के बाद इनकम टैक्स वालों से वसूली की जा रही है। अब तक विभाग की तरफ से 8 लाख की वसूली की जा चुकी है। बाकी लोगों से भी वसूली कराई जा रही है।

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