रिश्वतखोरी में रेलवे अधिकारी गिरफ्तार, 1.22 करोड़ की नकदी बरामद

चितरंजन लोकोमोटिव वर्क्स के प्रधान मुख्य सामग्री प्रबंधक रवि शेखर सिन्हा को सीबीआई ने रिश्वतखोरी के मामले में गिरफ्तार किया है। सिन्हा को चितरंजन में 1.80 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया है। इसके बाद छापेमारी के दौरान लगभग 1.22 करोड़ रुपये की नकदी, करीब 500 ग्राम सोना और ऐसे दस्तावेज बरामद हुए हैं। बरामद दस्तावेज रवि शेखर सिन्हा की दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम, हैदराबाद, पटना और रांची में स्थित संपत्तियों से जुड़े हैं। सीबीआई द्वारा जाल बिछाकर की गई गिरफ्तारी के बाद 1986 बैच के भारतीय रेलवे स्टोर्स सर्विस के अधिकारी सिन्हा के दिल्ली, पंचकुला, चंडीगढ़, वाराणसी और बंगाल के चितरंजन में 17 परिसरों पर तलाशी थी। इस मामले में सीबीआई ने अन्य 5 आरोपियों को भी गिरफ्तार किया है उनके परिसरों से भी करीब 32 लाख रुपये नकद और महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद किए गए हैं।
एजेंसी को जानकारी मिली थी कि चंडीगढ़ स्थित ई सी ब्लेड्स एंड टूल्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशकों . सोनू अरोड़ा और राजन गुप्ता .ने रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर कथित रूप से ठेका देने के बदले में अनुचित लाभ प्राप्त करने के लिए साजिश कर रहे हैं और अवैध रूप से बिलों का भुगतान कर रहे हैं। इसके बाद सिन्हा, अरोड़ा, गुप्ता और अन्य के खिलाफ मुकदमा दायर किया गया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार आरोपियों ने कथित तौर पर अपनी कंपनी के लिए अनुचित लाभ प्राप्त करने के उद्देश्य से प्रधान सीएमएम सहित वरिष्ठ रेलवे अधिकारियों के साथ बातचीत करने के लिए कंपनी के प्रतिनिधि के तौर पर एक अन्य कंपनी के एक व्यक्ति को नियुक्त किया।
आरोप है कि निदेशकों ने चितरंजन लोकोमोटिव वर्क्स के प्रधान मुख्य सामग्री प्रबंधक रवि शेखर सिन्हा को पहले दिए गए ठेके की ऑर्डर राशि बढ़ाने के लिए राजी किया था। जिसके बाद सिन्हा ने आपूर्ति आदेश में मात्रा बढ़ा दी और उक्त प्रतिनिधि के माध्यम से रिश्वत की मांग की।अधिकारियों ने कहा कि सीबीआई की टीम चितरंजन में इंतजार कर रही थी, जहां सिन्हा को रिश्वत की राशि पहुंचाई जानी थी और उन्हें 1.80 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए पकड़ लिया।

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