टीएमयू के ऑडिटोरियम में हुआ सियाराम विवाह
कथा सियाराम की का सफल मंचनः अंतर्राष्ट्रीय फेम, भरतनाट्यम और ओडिसी की मशहूर नृत्यांगना एवम् पदम विभूषण से सम्मानित राज्यसभा सांसद डॉ. सोनल मानसिंह ने गद्य-पद्य और सुर-ताल के जरिए जीवंत किए श्रीराम चरितमानस के पात्र
- ख़ास बातें
- अवध में जन्मे राम सलोना… बधाई गीत की प्रस्तुति ने मोहा मन
- जनता की नकारात्मक सोच को बदलना होगाः चौधरी भूपेन्द्र सिंह
- संगीत में युद्ध की सोच की समाप्ति की शक्तिः डॉ. हरवंश दीक्षित
- मुख्य अतिथि श्री सिंह को जीवीसी और ईडी ने दिया स्मृति चिन्ह
- तीन दिनी कल्चरल फेस्टिवल- परंपरा 2022 का यादगार समापन
तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी में तीन दिनी कल्चरल फेस्टिवल- परंपरा की विदाई बेला पर ऑडिटोरियम श्रीराम की भक्ति के रंग में रंगा नजर आया। अंतर्राष्ट्रीय फेम, भरतनाट्यम और ओडिसी की मशहूर नृत्यांगना एवम् पदम विभूषण से सम्मानित राज्यसभा सांसद डॉ. सोनल मानसिंह ने सुसज्जित मंच पर अपनी अदभुत प्रस्तुति से न केवल श्रीराम के चरित्र को जीवंत किया बल्कि संगीत, नृत्य और भाव के मोती पिरोकर ऑडिटोरियम में भक्ति की लौ जला दी। कथा सियाराम की के मंचन करते समय उनके चेहरे पर करूणा, क्रोध, प्रेम, हास्य, स्तब्ध सरीखी भाव-भंगिमाएं देखने को मिलीं। वह मंच पर कभी शिक्षिका की तरह युवाओं को राम चरित्र आत्मसात करने के लिए प्रेरित करती तो कभी नृत्यांगना बन श्रीराम की भक्ति में लीन होकर कथा का रसपान करातीं। बीच-बीच में कभी गद्य, कभी पद्य, कभी सुर, कभी ताल के जरिए अपनी बात कहतीं। कथा सियाराम की के माध्यम से उन्होंने युवाओं को अपनी संस्कृति को जानने के लिए प्रेरित किया। उल्लेखनीय है, आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर अमृत महोत्सव और टीएमयू ग्रुप की 21वीं सालगिरह पर यह कल्चरल फेस्ट- परम्परा 2022 का आयोजन हुआ था।
पदम विभूषण डॉ. मानसिंह ने कथा का मंचन राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न के जन्म वर्णन से किया। राजा दशरथ की ओर से कराए गए पुत्रकामेष्ठी यज्ञ का उल्लेख करते हुए चारों भाईयों लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न के चरित्र को भी अपने भावों से दर्शाया। चारों पुत्रों पर माता कौशल्या, कैकयी और सुमित्रा की प्रेम वर्षा से अयोध्या के हर किसी के मन में उल्लास भर दिया। अवध में जन्मे राम सलोना… बधाई गीत के जरिए उनके शिष्यों की टोली ने मनमोहक नृत्य की प्रस्तुति से ऑडिटोरियम में मौजूद सभी मेहमानों और मेजबानों का दिल जीत लिया। डॉ. सोनल ने राम के बालरूप की सुंदरता का बखान किया। राम के जीवन की घटनाओं- गुरू विश्वामित्र का अयोध्या में आगमन, राक्षसों का वध, मिथिला गमन, अहिल्या उद्धार, वन वाटिका में सीता राम मिलन, सीता स्वयंवर, राम विवाह आदि को सिलसिले वार सुनाकर कथा सियाराम की के मंचन में स्टुडेंट्स को बार-बार डुबकी लगवाई । गोस्वामी तुलसीदास के पद्य से लेकर श्रीराम स्तुति को संगीत के सुरों में सजाकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
इससे पूर्व बतौर मुख्य अतिथि कैबिनेट मंत्री पंचायती राज, उत्तर प्रदेश सरकार श्री भूपेन्द्र सिंह चौधरी, कुलाधिपति श्री सुरेश जैन, एमएलसी डॉ. जयपाल सिंह व्यस्त, जीवीसी श्री मनीष जैन, उच्चतर शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के पूर्व सदस्य डॉ. हरवंश दीक्षित, शहर विधायक श्री रितेश गुप्ता, अध्यक्षा जिला पंचायत, मुरादाबाद डॉ. शैफाली सिंह ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्जवलित करके परम्परा का शुभारम्भ किया। इससे पूर्व बतौर मुख्य अतिथि श्री भूपेन्द्र सिंह चौधरी समेत तमाम मेहमानों को भी पुष्प गुच्छ दिए गए, जबकि जीवीसी श्री मनीष जैन और एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर श्री अक्षत जैन ने मुख्य अतिथि को शॉल ओढ़ाकर स्मृति चिन्ह भेंट किया। अंत में डॉ. सोनल मानसिंह और उनकी पूरी टीम को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। संचालन टीएमयू हॉस्पिटल के निदेशक श्री विपिन जैन और डॉ. सुगंधा जैन ने संयुक्त रूप से किया।
मुख्य अतिथि श्री भूपेन्द्र सिंह चौधरी ने कहा, पदम विभूषण डॉ. सोनल मानसिंह का मुरादाबाद में आगमन सौभाग्य की बात है। आज का मंच सियासत का नहीं है, लेकिन वर्तमान में जनप्रतिनिधियों और राजनेताओं के प्रति जनता में नकारात्मकता का भाव है। ऐसे में राजनेताओं को जनता की जरूरतों और उनकी भावनाओं के अनुसार कार्य करना होगा। उच्चतर शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के पूर्व सदस्य डॉ. हरवंश दीक्षित बोले, युद्व हर समय मनुष्य के दिमाग में रहता है। संगीत एक ऐसा माध्यम है, जो युद्ध की सोच को समाप्ति का काम करता है। कल्चर के जरिए हम आपसी दूरी को करके समाज में फैली नकारात्मकता को खत्म कर सकते हैं। संस्कृति सभ्यता को आगे बढ़ाती है। पूरी दुनिया ने संगीत को पारलौकिक जगत से योग का साधन माना है।
कल्चरल फेस्टिवल- परम्परा में हिन्दुस्तान, मुरादाबाद संस्करण के स्थानीय संपादक श्री भूपेश उपाध्याय, ब्रीथिंग आर्ट्स के संस्थापक श्री अनुराग चौहान, समाज सेवी श्री गुरविन्दर सिंह, विभाग प्रचारक श्री वतन जी, प्रचारक श्री सचिन जी, दैनिक जागरण के पूर्व प्रबंधक श्री अनिल अग्रवाल के अलावा रजिस्ट्रार डॉ. आदित्य शर्मा, एसोसिएट डीन प्रो. मंजुला जैन, डीन छात्र कल्याण प्रो. एमपी सिंह, निदेशक सीसीएसआईटी प्रो. आरके द्विवेदी, निदेशक टिमिट प्रो. विपिन जैन, पैरामेडिकल के वाइस प्रिंसिपल प्रो. नवनीत कुमार, कॉलेज ऑफ फार्मेसी के प्राचार्य प्रो. अनुराग वर्मा, मेडिकल कॉलेज के वाइस प्रिंसिपल प्रो. एसके जैन, फार्माकॉलोजी के एचओडी डॉ. प्रीथपाल सिंह मटरेजा, नर्सिंग के प्रिंसिपल प्रो. श्रीनाथ के. कुलकर्णी, नर्सिंग की वाइस प्रिंसिपल प्रो. एम. जसलीन, फिजियोथैरेपी की प्राचार्या डॉ. शिवानी एम. कौल, सीसीएसआईटी के एचओडी प्रो. एके सक्सेना, फैकल्टी ऑफ एजुकेशन की प्राचार्या प्रो. रश्मि मेहरोत्रा, श्री प्रेम प्रकाश एजुकेशन कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अशोक कुमार लखेरा, कुन्थनाथ एजुकेशन कॉलेज के प्राचार्य डॉ. विनोद जैन, ज्वाइंट रजिस्ट्रार रिसर्च डॉ. ज्योति पुरी, टिमिट कॉलेज फिजिकल एजुकेशन के प्राचार्य प्रो. मनु मिश्रा, ज्वाइंट डायरेक्टर एडमिशन श्री अवनीश कुमार आदि की मौजूदगी रही।