पर्वतीय क्षेत्र में दौड़ेंगी 16 से अधिक सीट की 4 टायर वाली छोटी बसें

राज्य परिवहन प्राधिकरण (एसटीए) ने दी मंजूरी

उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्र में 16 व अधिक सीट वाली मिनी बसों के साथ जुडी 6 टायर की अनिवार्यता समाप्त होने के बाद 4 टायर वाली छोटी बसों से संचालन का रास्त खुल गया है। अभी तक राज्य का कोई भी व्यक्ति 15 सीट से ज्यादा लेकिन 4 टायर वाली मिनी बस को पर्वतीय जिलों और चारधाम रूट पर नहीं चला सकता था। उत्तराखण्ड के राज्य परिवहन प्राधिकरण (एसटीए) की बैठक में 16 व अधिक सीट वाली मिनी बसों के साथ जुडी 6 टायर की अनिवार्य को समाप्त करने को मंजूरी दे दी गई है। अब पहाड़ी क्षेत्रों और चार धाम यात्रा के लिए इन बसों का रजिस्ट्रेशन भी किया जाएगा। इसके साथ ही राज्य में ऑनलाइन बुकिंग पर टैक्सी, मैक्सी, ऑटो आदि परिवहन सेवाएं देने वाली कंपनियों के लिए लाइसेंस प्रक्रिया शुरू होगी। इससे यात्रियों से मनमाने दाम वसूले जाने की शिकायतों में कमी आयेगी। परविहन विभाग अब बिना लाइसेंस वाहन संचालन करने पर जुर्माना व अन्य दंडात्मक कार्रवाई कर सकेगा।
6 के बजाय 4 टायरों वाली मिनी बसों को पहाड़ी क्षेत्रों में संचालन की अनुमति पर टीजीएमओ का कहना है कि सिंगल टायर बस में कभी टायर के पंचर होने पर हादसे की प्रबल आशंका रहती है। इसलिए अनुमति नहीं देनी चाहिए। इस पर राज्य परिवहन प्राधिकरण (एसटीए) के अध्यक्ष दीपेन्द्र कुमार चौधरी ने कहा है कि 4 टायर वाली मिनी बस को राष्ट्रीय स्तर पर अनुमति है। साथ ही अब इन बसों में सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए जा रहे हैं। इस बात पूर्व में गठित उच्च स्तरीय समिति भी संस्तुति कर चुकी है। सभी पहलुओं की समीक्षा करने के बाद ही अनुमति देने पर सहमति दी गई है।

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