सरकार और शासन स्तर पर पत्रकारों से जुड़े मामलों में सक्रियता के साथ कार्य किये जाने की जरूरत। नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स ने उठाये कई अहम मुद्दे

उत्तराखण्ड में पत्रकारों के कल्याण के लिए सरकार और शासन के स्तर पर अनेक महत्वपूर्ण मामलों में सक्रियता के साथ कार्य किये जाने की जरूरत है। यह बात नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स द्वारा महानिदेशक सूचना एवं लो.सं. विभाग को सौंपे गये पत्र में कही गयी है।
यूनियन की ओर से संस्था के संरक्षक त्रिलोक चन्द्र भट्ट द्वारा महानिदेशक (सूचना) को दिये गये पत्र में कहा गया है कि उत्तराखण्ड में सरकार और शासन के स्तर पर पत्रकारों के कल्याण के लिये समय-समय पर अनेक योजनाओं के क्रियान्वयन पर विमर्श होता रहा है। जिनमें से कई योजनाएं अति महत्वपूर्ण है।


श्री भट्ट ने पत्रकार कल्याण के लिए जिला सहकारी बैंक की ऋण योजना का उल्लेख करते हुए कहा है कि कुछ वर्ष पूर्व उत्तराखण्ड सरकार द्वारा जिला सहकारी बैंकों के माध्यम से पत्रकारों को आसान दरों और रियायती ब्याज दर पर कैमरा, कंप्यूटर आदि क्रय करने के लिए ऋण सुविधा प्रदान की गयी थी। उनका कहना था कि विगत दो वर्ष के कोराना काल में अनेक मीडियाकर्मियों की आर्थिकी बुरी तरह प्रभावित हुई है, अतः पत्रकारों की मदद के लिए इस योजना को पुनः चालू करवाया जाना चाहिये।। नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स के पत्र में कहा गया है कि एक पारदर्शी और सुचितापूर्ण व्यवस्था के तहत विभागीय विज्ञापन बिलों को डीएवीपी की तरह ऑन लाइन जमा करने की व्यवस्था लागू की जाय। चिकित्सा सुविधा का मुद्दा उठाते हुये यूनियन की ओर से कहा गया है कि विगत कुछ वर्षों में उत्तराखण्ड के मान्यता प्राप्त पत्रकारों को अच्छी चिकित्सा सुविधा प्रदान करने के लिए गोल्डन कार्ड/कैश लैस व्यवस्था प्रदान करने पर विमर्श चल रहा था। मांग की गयी है कि इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए प्रभावी कार्यवाही की जानी चाहिए।
श्री भट्ट की ओर से भेजे गये पत्र में यह भी कहा गया है कि राज्य में पत्रकार उत्पीड़न और उन पर हो रहे हमलों के दृष्टिगत विगत कई वर्षों से यूनियन द्वारा उत्तराखण्ड में पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग की जाती रही है। इस संबंध सरकार और शासन के स्तर पर पुनः कार्यवाही को आगे बढ़ाया जाना चाहिये।

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