सांस्कृतिक कार्यक्रमों की रंगारंग प्रस्तुति के साथ तीन दिवसीय लालढांग महोत्सव का समापन

हरिद्वार के लालढांग स्थित ज्ञानदीप इंटर कालेज में उत्तराखंड की विलुप्त हो रही बोली भाषा एवं संस्कृति को संरक्षित करने के उद्देश्य से डांडी, काँठी और समलयोंणा सांस्कृतिक कार्यक्रमों की रंगारंग प्रस्तुति के साथ तीन दिवसीय लालढांग महोत्सव मेले का आज तीसरे दिन समापन हो गया। इस सांस्कृतिक मेले में उत्तराखण्ड के सुप्रद्धि लोक कलाकारों के साथ स्थानीय विद्द्यालयो के छात्र छात्राओं ने भी गढ़वाली लोक गीत और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां दी। पौराणिक देवभूमि सोसायटी संस्था द्वारा आयोजित इस महोत्सव में स्थानीय विद्द्यालयो के विद्यार्थियों के द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ लोक कलाकारों द्वारा गढ़वाली, कुमाउंनी, जौनसारी और हिंदी भाषी कार्यक्रम श्रोताओं द्वारा खूब सराही गयी। उत्तराखंड के प्रसिद्ध लोक गायक कुसुम नेगी, धूम सिंह रावत, जितेंद्र चौहान और शिवांगी घिल्डियाल की लोक गायकी ने लोगो का मन मोह लिया वही महोत्सव में लगे स्टालों पर उत्तराखण्ड की रसोई, और पहाड़ी व्यंजनों का भी दर्शकों ने स्वाद लिया।
संस्था के संस्थापक सुमन धस्माना ने बताया कि तीन दिवसीय महोत्सव में उत्तराखण्ड बोली भाषा और सांस्कृतिक की झलक से जागरूकता और अपनी संस्कृति को जिंदा रखने का प्रयास किया गया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से विशिष्ट अतिथि हंस फाउंडेशन के प्रभारी पीएस बिष्ट, एनयूजे के संरक्षक त्रिलोक चंद भट्ट, योगेश्वर चौहान, प्रकाश डोबरियाल, सरिता अमोली, मोहन चंद हतेली, जयचंद चतुर्वेदी, मुकेश कुमार सूर्या, राहुल शर्मा,आदि मौजूद रहे।

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