उत्तराखण्ड : हरिद्वार नगर निगम के जमीन घोटाले में शीर्ष अधिकारियों पर धामी सरकार का कड़ा प्रहार
2 आईएस और 1 पीसीएस अधिकारी समेत 12 लोग सस्पेंड
अब विजिलेन्स करेगी जमीन घोटाले की जांच
हरिद्वार। नगर निगम हरिद्वार के एक जमीन घोटाले में उत्तराखण्ड की धामी सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए हरिद्वार के डीएम, एसडीएम और पूर्व नगर आयुक्त को सस्पेंड कर दिया है। जबकि वरिष्ठ वित्त अधिकारी निकिता बिष्ट, कानूनगों राजेश कुमार, तहसील प्रशासनिक अधिकारी कमलदास, और वरिष्ठ वैयक्तिक सहायक विक्की को निलंबित कर दिया है।
इससे पहले नगर निगम के प्रभारी सहायक नगर आयुक्त रविंद्र कुमार दयाल, अधिशासी अभियंता आनंद सिंह मिश्रवाण, कर एवं राजस्व अधीक्षक लक्ष्मीकांत भट्ट और अवर अभियंता दिनेश चंद्र कांडपाल को सस्पेंड किया गया था। संपत्ति लिपिक वेदवाल का सेवा विस्तार समाप्त कर दिया गया था। इन सभी के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही के निर्देश दिये गये थे।
उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार की इस कार्यवाही से अपने ही अधिकारियों पर किये गये इस प्रहार से खलबली मच गयी है। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद जिस तरह सरकार ने कार्यवाही की है उसकी किसी को भी उम्मीद नहीं थी। सरकार ने इस कार्यवाही से साफ तौर पर यह संकेत देने का प्रयास किया है कि वह भ्रष्टाचार को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगी।
आपको बता दे कि जमीन घोटाले का यह मामला नगर निगम से जुड़ा है। जिसमें नगर निगम ने एक अनुपयुक्त और बेकार भूमि को 54 करोड़ में खरीदा था। जबकि बाजार भाव के अनुसार वह जमीन 15 करोड़ की थी। इस भूमि को तात्कालिक रूप से कोई आवश्यकता नहीं थी। जांच में यह बात भी सामने आई है कि खरीद प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं बरती गई।