उक्रांद का विधानसभा कूच : पुलिस से झड़प

उत्तराखण्ड में सख्त भू कानून, राज्य आन्दोलनकारियों को दस प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण और मूलनिवास की परिभाषा के निर्धारितसहित तमाम मांगों को लेकर बारिश के बावजूद उक्रांद के अध्यक्ष भू0पू0 विधायक काशीसिंह ऐरी के नेतृत्व में विधानसभा कूच कर रहे उक्रांद प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने देहरादून में रिस्पना पुल के पास बैरिकेटिंग ला कर रोक दिया। प्रिंस चौक, रेसकोर्स चौक, आराघर, धर्मपुर से नारेबाजी करते हुए विधानसभा की ओर बढ़ रहे प्रदर्शनकारियों की पुलिस के साथ हुई झड़प के बाद आक्रोशित प्रदर्शनकारियों ने वही सड़क पर बैठकर प्रदर्शन और नारेबाजी की। उक्रांद अध्यक्ष काशीसिंह ऐरी ने कहा कि
संघर्ष और शहादत की बदौलत पृथक राज्य का निर्माण हुआ था लेकिन बीते 21 साल में प्रदेश को भूमाफिया के हवाले कर दिया गया। राज्य के प्राकृतिक संसाधनों की खुली लूट की गई। बेरोजगारों के साथ छलावा किया जा रहा है। ऐरी ने मांग की कि राज्य की अवधारणा को बचाने के लिए उत्तराखण्ड में सख्त भू.कानून लागू किया जाए। वर्ष 1950 को आधार मान मूलनिवास की परिभाषा निर्धारित की जाए। राज्य आंदोलनकारियों के लिए दस प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण की सुविधा बहाल की जाए।
विधानसभ कूच कर रहे प्रदर्शनकारियों को जब पुलिस द्वारा रोकने का प्रयास किया गया तो कई प्रदर्शनकारी बैरिकेटिंग पर चढ़ गये, जिनमें कुछ गिरने के कारण चोटिल भी हो गये। उक्रांद ने चेतावनी दी है अगर सरकार ने उनकी मांगों के समाधान के लिए कदम नहीं उठाया तो पूरे प्रदेश में आन्दोलन किया जायेगा। प्रदर्शन के बाद उक्रांद ने एसडीएम के माध्यम से प्रदेश के मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा। इस दौरान दल के पूर्व अध्यक्ष त्रिवेंद्र पंवार, बीडी रतूड़ी, हरीश पाठक, सुरेंद्र कुकरेती, शिवानंद चमोली, सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता शामिल रहे।

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