गंगा बंदी से हरकी पैड़ी पर जल संकट, श्रद्धालु कर रहे हैं लोटे में जल भर कर स्नान

सिंचाई विभाग द्वारा भीमगोड़ा बैराज से गंगाबंदी के कर पवित्र हरकी पैड़ी पहुंचने वाली गंगा की धारा रोक दिये जाने से यहां जल संकट उत्पन्न हो गया है। जिस कारण श्रद्धालु लोटे या किसी बर्तन से पानी भरकर स्नान कर रहे हैं। हरिद्वार में नीलधारा में मुख्यगंगा पर बने भीमगोड़ा बैराज से हरकी पैड़ी की ओर आने वाले जलधारा और गंगनहर में गंगा का पानी को नियंत्रित किया जाता है। यहां पानी के रोक दिये जाने पर भागीरथी बिंदु जहां से हर की पैड़ी की ओर गंगा आती है उससे हरकी पैड़ी पर गंगा का जलस्तर बढ़ता है। दशहरे के दिन गंग नहर बंदी के कारण भीमगोड़ा बैराज से पानी सीधे बड़ी गंगा में जा रहा है। प्रत्येक वर्ष गंगनहर की सफाई के उद्धेश्य से दशहरें से दीपावली तक होने वाली इस बंदी के कारण श्रद्धालु पवित्र हरकी पैड़ी पर गंगा में डुबकी नहीं लगा पाते। श्रद्धालु किसी पात्र में पानी भरकर ही हरकी पैड़ी पर स्नान कर कर रहे हैं या नीलघारा (बड़ी गंगा) के तट पर स्नान के लिए जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग ने पहले ही 15 अक्तूबर की मध्य रात्रि से गंग नहर का पानी बंद करने की घोषणा कर रखी थी। अब 4 नवंबर की मध्य रात्रि को दीपावली के दिन नहर में पानी छोड़ा जाएगा। इस अवधि में नहर की वार्षिक सफाई और मरम्मत के ग्रामीण क्षेत्र की छोटी नहरों की भी सफाई का कार्य होगा।

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