यति नरसिंहानंद ने गैर हिदुओं की सुरक्षा को लेकर धर्माचार्यों को भेजा पत्र

हरिद्वार के सर्वानंद घाट पर हिंदु धर्म में वापिसी करने वाले जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी की रिहाई की मांग को लेकर तप कर रहे डासना मंदिर गाजियाबाद के परमाध्यक्ष एवं श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी यति नरसिंहानंद ने सनातन धर्म की रक्षा और सनातन धर्म में घर वापसी कर रहे गैर हिदुओं की सुरक्षा को लेकर देशभर के एक हजार धर्माचार्यों को पत्र भेजा है।
स्वामी यति नरसिंहानंद और उनके सहयोगी स्वामी अमृतानंद द्वारा भेजे गये इस पत्र में धर्म संसद में चर्चा में लाए गए विषयों के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए दक्षिण भारतीय संतों, मठ-मंदिरों के परमाध्यक्ष-पीठाधीश्वरों से अपने-अपने क्षेत्रों में जन-जागरण अभियान चलाने का आह्वान किया गया है। उन्होंने कहा कि उत्तर भारत, सहित अन्य स्थानों पर स्थित सनातन हिदू तीर्थों, मठ-मंदिरों और धर्माचार्यों को अगले चरण में पत्र भेजा जाएगा। स्वामी यती नरसिंहानंद ने मीडिया से बातचीत में कहा कि घर वापसी करने वाले उत्तर प्रदेश शिया वफ्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी (पूर्व नाम वसीम रिजवी) की रिहाई के बाद वह अपने मुद्दों को लेकर दक्षिण भारत की यात्रा पर जाएंगे। उन्होंने नैनीताल उच्च न्यायालय में चल रहे जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी की जमानत मामले में न्यायालय द्वारा उत्तराखंड सरकार से स्पष्टीकरण मांगने का स्वागत किया। कहा कि राज्य सरकार को आगे आकर जिम्मेदारी लेनी चाहिए, ताकि निर्दाेष जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी को यथाशीघ्र जमानत मिल सके।
यति नरसंहानंद ने कहा कि चुनाव में सरकार के सभी बड़े नेता अपने भाषणों में उन्हीं बातों को दोहरा रहे थे, जो हमने धर्म संसद में कही थी। लेकिन, उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई और हमें जेल भेज दिया।

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