Friday, December 5, 2025
Uttarakhand

बाराही धाम में दिव्य मंदिर निर्माण का शुभारंभ। नागर, वर्तुल एवं हिमालय पिरामिड शैली का बनेगा उत्तर भारत में बनेगा मां वाराही का भव्य मंदिर।

सोमपुरा ग्रुप की भव्य डिजाइन को ट्रस्ट ने दी मंजूरी, 15 करोड़ की लागत से बनेगा उत्तर भारत का अद्वितीय मंदिर।

स्थानीय समुदाय का अभूतपूर्व समर्थन, दानदाताओं ने बढ़-चढ़कर दिखाया आस्था का समर्पण।

उत्तर भारत में अपनी धार्मिक और ऐतिहासिक पहचान बना चुके बाराहीधाम में दिव्य एवं विशाल मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो गया है। शुक्रवार को श्री बाराही मंदिर ट्रस्ट की उच्चस्तरीय बैठक में मंदिर के स्वरूप, डिज़ाइन तथा निर्माण कार्य पर अंतिम मुहर लगा दी गई। बैठक की अध्यक्षता रेलवे कॉरिडोर के पूर्व महानिदेशक एवं ट्रस्ट के अध्यक्ष हीरा बल्लभ जोशी ने की, जबकि संचालन रोशन लमगड़िया ने किया। ट्रस्ट ने प्रसिद्ध सोमपुरा ग्रुप द्वारा तैयार मंदिर डिज़ाइन को सर्वसम्मति से स्वीकार किया। इस ग्रुप ने देशभर में 150 से अधिक भव्य मंदिरों का निर्माण किया है और अयोध्या के श्रीराम मंदिर सहित कई राष्ट्रीय स्तर की परियोजनाओं में अपना योगदान दिया है। अब बाराहीधाम का भव्य मंदिर भी इन्हीं के निर्देशन में आकार लेगा। ट्रस्ट अध्यक्ष जोशी ने बताया कि मंदिर निर्माण के लिए प्रारंभिक रूप से 15 करोड़ रुपए का बजट प्रस्तावित है। यह पूरी राशि श्रद्धालुओं के सहयोग और श्रद्धा-सुमन के रूप में एकत्रित की जाएगी। समाजसेवी नरेंद्र लडवाल तथा शिक्षाविद् दिनेश जोशी द्वारा पूर्व में ही 51–51 लाख रुपए का योगदान दिया गया है। दिनेश जोशी ने यह संकल्प भी दोहराया कि मंदिर शिखर निर्माण पूर्ण होने पर वे और 50 लाख रुपए मां वाराही के चरणों में पुनः समर्पित करेंगे।

ट्रस्ट अध्यक्ष के अनुसार मां बाराही, शक्ति और भगवान विष्णु का संयुक्त स्वरूप हैं। इसी आधार पर मंदिर का स्वरूप नागर, वर्तुल तथा पिरामिड शैली में तैयार किया जाएगा।
मंदिर के शिखर पर फलक के ऊपर कलश स्थापित होगा। जो प्राकृतिक आपदाओं में नादिर को कवच प्रदान करेगा। बैठक में चम्याल खाम के गंगा सिंह चम्याल, गढ़वाल खाम के त्रिलोक सिंह बिष्ट, लमगड़िया खाम वीरेंद्र लमगड़िया, वालिक खाम के बद्री सिंह बिष्ट, पुजारी दीपक सहित चार खाम के सात थोक के पढ़तीदार गांवों के लोगों ने बड़ी संख्या में भाग लिया। कई ग्रामीणों ने ट्रस्ट में शामिल होने हेतु स्वयं को प्रस्तुत किया, जिससे धाम के प्रति बढ़ते जनविश्वास का संदेश स्पष्ट हुआ। ट्रस्ट ने निर्णय लिया कि 23 जनवरी बसंत पंचमी के दिन गरीब बच्चों का सामूहिक यज्ञोपवीत संस्कार आयोजित किया जाएगा।

इसी तरह वैशाख महीने में गरीब परिवारों की सामूहिक कन्याविवाह योजना भी धाम में संपन्न कराई जाएगी। जागेश्वर धाम की तर्ज पर यहां नियमित शिवार्चन और अन्य धार्मिक संस्कारों का आयोजन भी निकट भविष्य में प्रारंभ किया जाएगा। धाम के विकास और मंदिर को ऊंचाई ले जाने वाले मंदिर कमेटी के संस्थापक अध्यक्ष लक्ष्मण सिंह लमगड़िया ने कहा कि अब वाराही मंदिर कमेटी का वाराही मंदिर ट्रस्ट में विलीन हो गया है। इस अवसर पर उन्होंने अपने कई अनुभव साझा किए। ट्रस्ट की ओर से प्रमुख समाजसेवी सतीश चंद्र पांडेय सहित, किशन सिंह बिष्ट, कटयौली गढ़वाल खाम, राजेश बिष्ट, नैनीताल जिला पंचायत के बहादुर सिंह नद्गली आदि को सम्मानित किया गया।

“ट्रस्टी बनने वालों की बढ़ी उमंग — एक लाख एक हजार देकर जुड़ रहे श्रद्धालु”।

लोहाघाट। एक लाख एक हजार रुपये देकर ट्रस्टी बनने वाले श्रद्धालु: ईश्वर राम, उदित लमगड़िया, खीम सिंह लमगड़िया, चेतन भैया, रोशन लमगड़िया, विनोद गडकोटी, सोनू लमगड़िया, भगवान सिंह लमगड़िया, बहादुर सिंह, नंदकाली, दीपक चम्याल, मोहन सिंह बिष्ट, दीवान सिंह बिष्ट, जगदीश सिंघवाला, राजेश बिष्ट, मदन लमगड़िया, लाल सिंह लमगड़िया, मोहन सिंह, कर्नल आलोक पांडे, पूर्व स्पीकर गोविंद सिंह कुंजवाल, प्रताप सिंह, खड़क सिंह बिष्ट, कुंदन अधिकारी, दीवान सिंह नेगी, नरेंद्र चम्याल सहित अन्य श्रद्धालु।

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