धर्म नगरी में अधर्म : गंगा तट की झुग्गी-झोपड़ियों में मांस-मदिरा, नशा
विरोध में युवाओं ने सभाला मोर्चा, तब प्रशासन आया हरकत में
–त्रिलोक चन्द्र भट्ट
हरिद्वार। धर्मनगरी हरिद्वार गंगातट से लेकर शहर की सड़कों और खाली पड़ी जमीनों पर अवैध तरीके से बनी झुग्गी-झोपड़ी अवैध करोबारों का अड्डा बन गयी हैं। मांस-मंदिरा प्रतिबंधित क्षेत्र होने के बावजूद इन अवैध झुग्गी-झोपड़ियों में न केवल मांस पकाया और खाया जा रहा है, बल्कि ये नशे के अवैध करोबार का अड्डा बन गयी हैं। अवांछनीय तत्वों की शरणस्थली बनी इन झुग्गी-झोपड़ियों के बारे में सोशलमीडिया में समय-समय पर कुछ वीडियो भी वायरल होते रहे हैं।
दुनियांभर के करोड़ो हिन्दुओं की आस्था के प्रतीक हरिद्वार के इसी गंगा तट की झुग्गी-झोपड़ियों में मांस पकाये व खाये जाने व नशा करने के संबंध में जब कुछ स्थानीय जागरूक युवाओं को पता चला तो उन्होंने इसकी शिकायत गंगासभा से की। जिस पर अनेक तीर्थपुरोहित और गंगा सभा के पाधिकारी उज्जवल पंडित के साथ झुग्गियों में पहुंचे तो मौके पर कई झोपड़ियों में कच्चा पक्का मांस मिला।

प्रशासन और पुलिस की लापरवाही से यहां अवैध रूप से बस कर लोगों द्वारा धर्मनगरी की पवित्रता और आस्था को चोट पहुंचा रहे लोगों पर युवाओं का गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने झुग्गियों को तोड़ना शुरू कर दिया। जिससे बवाल बढ़ गया। पुलिस टीम भी मौके पर पहुंची लेकिन वह मूकदर्शक बनी रही। काफी देर तक वहां हंगामा चलता रहा। जिससे लोगों की भीड़ बढ़ती चली गयी। काफी देर तक चले हंगामे के बाद नगर निगम हरकत में आया ओर उसने बुल्डोजर लगाकर झुग्गियों को ध्वस्त किया। वहां बनी कई अवैध झुग्गियों से गांजा और भारी मात्रा में शराब और हिरण की विभिन्न प्रजातियों की सींग व अन्य जीवों के कुछ अवशेष भी मिले।
स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि पूरे हरिद्वार और आसपास के क्षेत्र में हजारों अवैध झुग्गी झोपड़ी बना कर बाहर से आये लोग रह रहे हैं। इनका कोई सत्यापन नहीं है और इनमें कई तरह के अपराध पनप रहे हैं। लेकिन पुलिस और प्रशासन मूक दर्शक बना हुआ हुआ है। उनहोंने का कि पूरे हरिद्वार मेला क्षेत्र से झुग्गी-झोपड़ी डालकर रहने वालों को जिले से बाहर निकाला जाय।