इलेक्ट्रिक स्मार्ट बस संचालन के विरोध में सिटी बस संचालक
दुनिया में तेजी से हुए विकास ने लोगांे के रहन-सहन से लेकर पूरी जीवन शैली बदल दी है। लेकिन कुछ लोग हैं जो समय के साथ नहीं चलना चाहते। ऐसे ही दमघोटू माहौल में डीजल और पट्रोल का धुंआ वातारवरण में छोड़ने वाले वे वाहन चालक है जो समय के साथ अपने को एडजस्ट न कर उन इलेक्ट्रीक स्मार्ट बसों के संचालन का विरोध कर रहे हैं जो न तो प्रदूषण फैला रही हैं और न लोगों की जेब पर भारी पड़ रही हैं। डीजल का काला धुंआ उगलने वाली सिटी बसों की अपेक्षा इलेक्ट्रीक बसों का सफर सस्ता और सुविधाजनक है। इनका किराया दस रूपये है। जबकि सिटी बस में स्लैब निर्धारित होने के कारण यात्रियों को ज्यादा किराया देना पड़ रहा है। जिस कारण राजधानी देहरादून में इलेक्ट्रिक बसों के सड़क पर उतरने के बाद से ही सिटी बस सेवा महासंघ इनका विरोध कर रहा है। आज सिटी बस संचालकों ने स्मार्ट बसों के विरोध में परिवहन मुख्यालय पर प्रदर्शन कर आरोप लगाया कि सरकार सिटी बस के अस्तित्व को खत्म करना चाहती है।