राकेश टिकैत पर हमला: आरोपियों ने पुलिस को बताई दूसरी वजह

बीते सोमवार को बेंगलूरू के गांधी भवन में आयोजित संवाददाता सम्मलेन में भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश सिंह टिकैत पर स्याही फैंकने वाले तीन आरोपियों ने यू टर्न ले लिया है। अब उनका दावा है कि उन्होंने कन्नड़ में न बोलने के लिए राकेश टिकैत पर पर हमला किया। पुलिस अधिकारी घटना की हर ऐंगल से जांच कर रहे हैं।
बैंगलूरू में एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान राकेश टिकैत पर काले रंग की स्याही फैंकने के मामले में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया था। टिकैत कर्नाटक राज्य किसान संघ और हसीरू सेने द्वारा आयोजित ‘रायता चालुवली, आत्मवलोकन हागु स्पस्तिकरण सबे’ (किसान आंदोलन, आत्मनिरीक्षण और स्पष्टीकरण बैठक) पर एक संवाददाता सम्मेलन में भाग ले रहे थे। हमला सोमवार को बेंगलुरु के गांधी भवन में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान हुआ था।
इस मामले में पुलिस ने तीन लोगों -भरत शेट्टी, भारत रक्षा वेदिके के अध्यक्ष, शिवकुमार और और प्रदीप को गिरफ्तार किया था। आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लिया था। जबकि अब दावा किया कि उन्होंने कन्नड़ में न बोलने के लिए टिकैत पर हमला किया। पुलिस सूत्रों ने कहा, कहा है कि आरोपियों के बयान भ्रामक हैं। वे इस मामले को जांच अधिकारी सोची समझी साजिश के तौर पर देख रहे हैं। पुलिस ने आरोपियों को 6 दिन की रिमांड पर लिया है। उनका अपराधिक रिकार्ड की खंगाला जा रहा है।
प्रारंभिक जांच में पता चला है कि आरोपितों में से एक शिवकुमार पूर्व में हत्या का आरोपी रहा है। उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। लेकिन 2015 में अच्छे आचरण के लिए रिहा किया गया था। रिहाई के बाद, वह अपनी बहन के साथ एक संगठन में सक्रिय सक्रिय था। जबकि दूसरा आरोपी प्रदीप कैब ड्राइवर है। उसने राकेश टिकैत व अन्य पर काले रंग की स्याही डाली थी। पुलिस उन महिलाओं की भी तलाश शुरू कर दी है, जो उस दिन कार्यक्रम के दौरान आरोपियों के साथ देखी गई थीं। घटना के बाद वे सभी गायब हैं।

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