राजस्थान में केंद्र को नहीं मिलेंगी सस्ती दरों पर जमीन
राजस्थान में अब केंद्रीय एजेंसियों को राज्य सरकार के विभागों की तरह सस्ती दर पर जमीन नहीं मिलेगी। नगरीय विकास और आवासन विभाग ने शहरी क्षेत्रों में जमीन आवंटन नीति में बदलाव करते हुए नए नियम लागू किए हैं। इसके तहत केंद्र सरकार की विभिन्न एजेंसियों और सार्वजनिक उपक्रमों के लिए जमीन महंगी होगी। केंद्र सरकार के विभागों को रिजर्व प्राइस के साथ 20 प्रतिशत अतिरिक्त देना होगा।
राजस्थान और केंद्र सरकार के बीच कई मुद्दों पर चल रहे टकराव से अनेक सरकारी फैसले प्रभावित होने लगे हैं। चूंकि केंद्र सरकार के विभिन्न विभाग यहां अलग-अलग तरह प्रोजेक्ट्स के लिए राज्य सरकार से जमीन लेते रहते हैं। इसीलिए केंद्र सरकार द्वारा राजस्थान के लिए मंजूर बड़े प्राजेक्ट रद होने से टकराव बढ़ रहा है। राज्य के भीलवाड़ा जिले में मेमू कोच फैक्ट्री का शिलान्यास कई साल पहले हुआ, लेकिन केंद्र सरकार ने इस प्रोजेक्ट को रद कर दिया। इसी तरह डूंगरपुर-बांसवाड़ा-रतलाम रेल प्रोजेक्ट का काम भी रुका हुआ है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कई बार ईस्टर्न राजस्थान कैनाल को राष्ट्रीय परियोजना घोषत करने की मांग कर चुके हैं, लेकिन केंद्र सरकार भी इस बारे में कोई निर्णय नहीं ले रही है।