कोर्ट ने MP के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह सहित 6 लोगों को सुनाई एक-एक साल की सजा। जमानत मिली तो बोले हाईकोर्ट में करेंगे अपील
भारतीय जनता युवा मोर्चा प्रदर्शनकारियों के साथ हुई भिड़त मामलें में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह समेत 6 लोगों को इंदौर की विशेष अदालत ने एक-एक साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। मामला 2011 का है जब भाजयुमो कार्यकर्ताओं ने दिग्विजय सिंह के अलग-अलग विवादित बयानों पर विरोध जाहिर करते हुए उन्हें 17 जुलाई 2011 को तब काले झंडे दिखाने की कोशिश की थी, जब उनका काफिला उज्जैन के जीवाजीगंज क्षेत्र से गुजर रहा था। पुलिस के अनुसार, विरोध-प्रदर्शन के दौरान दिग्विजय, गुड्डू और अन्य लोगों की भाजयुमो के कार्यकर्ताओं से भिड़ंत हुई थी।
शनिवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए विशेष न्यायाधीश मुकेश नाथ ने दिग्विजय और उज्जैन के पूर्व लोकसभा सांसद प्रेमचंद गुड्डू को भारतीय दंड संहिता की धारा 325 ( जान.बूझकर गंभीर चोट पहुंचाना ) और धारा 109 (दूसरे लोगों को मारपीट के लिए उकसाना) के तहत दोषी ठहराया, जबकि चार अन्य व्यक्तियों.अनंत नारायण, जय सिंह दरबार, असलम लाला और दिलीप चौधरी को धारा 325 के तहत दोषी करार दिया गया। अदालत ने सभी छह दोषियों पर पांच-पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। अदालत ने मामले के 3 अन्य आरोपियों.उज्जैन जिले के तराना क्षेत्र के कांग्रेस विधायक महेश परमार, मुकेश भाटी और हेमंत चौहान को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया। बाद में विशेष न्यायाधीश ने दिग्विजय समेत सभी छह दोषियों की अपील पर उनकी सजा पर फौरी रोक लगा दी और उन्हें 25,000-25,000 रुपये की जमानत पर रिहा कर दिया।
जमानत पर रिहा होने के बाद दिग्विजय ने बताया कि वह विशेष अदालत के फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील करेंगे। उन्होंने अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को ‘‘झूठी’’ करार देते हुए कहा, ‘‘मेरा नाम घटना की मूल प्राथमिकी में आरोपी के रूप में दर्ज ही नहीं था। बाद में पुलिस ने राजनीतिक दबाव के चलते मेरा नाम आरोपियों की सूची में शामिल किया था।’’