हरिद्वार की स्टील फर्म पर जीएसटी इंटेलीजेंस का छापा

फर्जी बिलों के आधार पर इनपुट टैक्स क्रेडिट (आइटीसी) का लाभ लेने के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। इसी तरह के एक प्रकरण में डायरेक्टोरेट जनरल आफ जीएसटी इंटेलीजेंस (डीजीजीआइ) ने रुड़की की स्टील फर्म पर छापा मारकर 10 करोड़ रुपये की हेराफेरी पकड़ी।

डीजीजीआइ की देहरादून यूनिट के मुताबिक, रुड़की स्थित टिहरी स्टील फर्म को उत्तराखंड की विभिन्न फर्म ने स्क्रैप की बिक्री दिखाई। इसके एवज में टिहरी स्टील ने आइटीसी का लाभ प्राप्त किया। यूनिट की जांच में पता चला कि जिन फर्मों ने टिहरी स्टील को स्क्रैप बेचा है, उनके पास उतना स्क्रैप था ही नहीं। यानि कि सिर्फ बिल जारी किए गए थे और उसके मुताबिक माल भेजा ही नहीं गया था।

यूनिट की छापेमारी में भी स्पष्ट किया गया कि फर्जी बिलों के आधार पर भारी भरकम आइटीसी का लाभ लिया गया है। विभिन्न साक्ष्य अधिकारियों ने हाथ लगने के बाद फर्म संचालक ने पांच करोड़ रुपये फौरी तौर पर जमा कर दिए। हालांकि, विभाग ने फर्म पर 10 करोड़ रुपये की देनदारी तय की है। बाकी राशि जल्द जमा कराने का आश्वासन फर्म संचालकों की ओर से दिया गया है।

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