कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के खतरे को देखते हुए अंतरराष्ट्रीय यात्रा के लिए दिशा निर्देश जारी

कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के खतरे को देखते हुए भारत सरकार ने अंतरराष्ट्रीय यात्रा के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए हैं । केंद्र ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को किसी मामले की जल्द पहचान के लिए जांच बढ़ाने, अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की प्रभावी निगरानी करने और ‘हॉटस्पॉट’ की सख्त निगरानी करने की सलाह दी है। केंद्र ने वैश्विक घटनाक्रमों को देखते हुए इस संबंध में परामर्श जारी किया है और हवाई अड्डों और बंदरगाहों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है. उसंदिग्ध मामलों की जीनोम सीक्वेंसिंग भी की जा रही है।

ये हैं प्रमुख नियम-

  • 1-‘‘जोखिम वाले’’ देशों के अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को आरटी-पीसीआर की जांच रिपोर्ट उपलब्ध होने तक हवाई अड्डों पर इंतजार करने के लिए तैयारी करने की सलाह दी गई है। ऐसे देशों से आने वाले लोग अगर टेस्ट में नेगेटिव पाए जाते हैं तो भी उन्हें सात दिन के लिए होम क्वारंटीन रहना होगा जिसके बाद आठवें दिन उनके सैंपल की फिर से जांच की जाएगी। राज्य के अधिकारी ऐसे लोगों के घरों का दौरा करेंगे और उनके होम आइसोलेशन की दुरुस्त व्यवस्था का मुआयना करेंगे।
  • 2-संक्रमित पाए जाने पर राज्यों को सभी सैंपल्स को जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए आईएनएसएसीओजी (इंडियन सार्स-सीओवी-2 कंसोर्टियम ऑन जिनोमिक्स) प्रयोगशालाओं को तुरंत भेजने के लिए कहा गया है। साथ ही राज्यों को संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में आये व्यक्तियों का पता लगाने के और 14 दिन बाद इसका फॉलो अप लेने के निर्देश दिए गए हैं।
  • 3-“जोखिम वाले” देशों के यात्रियों को टेस्ट के नतीजे आने तक हवाई अड्डों पर प्रतीक्षा करने की तैयारी करने की सलाह दी गई है। फिलहाल भारत ने “जोखिम वाले” देशों की सूची में यूनाइटेड किंगडम, यूरोप के सभी 44 देश, दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील, बांग्लादेश, बोत्सवाना, चीन, मॉरिशस, न्यूजीलैंड, जिम्बाब्वे, सिंगापुर, हांगकांग और इज़रायल को शामिल किया है।
  • 4-राज्यों को सलाह दी गई है कि वे अपने बचाव उपायों को कम न करें और विभिन्न हवाई अड्डों, बंदरगाहों और सीमापार बिंदुओं से देश में आने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों पर कड़ी निगरानी रखें। टेस्ट, ट्रैक, ट्रीट, वैक्सीनेट” रणनीति पर फिर से जोर दिया जा रहा है। राज्यों को टेस्टिंग में तेजी लाने की भी सलाह दी गई है क्योंकि ‘ओमिक्रॉन’ वेरिएंट आरटी-पीसीआर और रैपिड एंटीजन टेस्ट से बच नहीं सकता है जिनका इस्तेमाल अब तक कोविड का पता लगाने के लिए किया गया है। परीक्षण के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, परीक्षण दिशानिर्देशों के सख्त कार्यान्वयन और आरटी-पीसीआर परीक्षणों के स्वस्थ अनुपात को बनाए रखने की सलाह दी गई है, जो पता लगाने में ज्यादा प्रभावी पाए गए हैं।
  • 5-राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को उन क्षेत्रों की निरंतर निगरानी करने की सलाह दी गई जहां हाल ही में संक्रमित मामले सामने आए हैं. उन्हें कहा गया है कि सभी पॉजिटिव मामलों के नमूनों को शीध्र जीनोम अनुक्रमण के लिए निर्दिष्ट आईएनएसएसीओजी लैब में भेजें. उन्हें ‘जोखिम वाले’ देशों के यात्रियों के घरों का भौतिक दौरा करके घर पर पृथकवास वाले मामलों की प्रभावी और नियमित निगरानी करने के लिए कहा गया है।

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