टीएमयू में योग गुरू कर गए सैकड़ों स्टुडेंट्स में ऊर्जा का संचार
तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी में ग्रांड मास्टर श्री अक्षर ने योग के कराए दो दर्जन से अधिक आसन, योग ऋषि के संग चला सवालों का दौर भी
- ख़ास बातें
- योग गुरू बोले, सर्वश्रेष्ठ आसन सूर्य नमस्कार
- योग कार्यक्रम में स्टुडेंट्स ने भी की शिरकत
- कुलाधिपति श्री सुरेश जैन ने भी पूछा सवाल
- चांसलर और ईडी ने श्री अक्षर को दिया स्मृति चिन्ह
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी का कैंपस अक्षर योगा रिसर्च एंड डवलपमेंट सेंटर के फाउंडर श्री अक्षर की गरिमामयी मौजूदगी का साक्षी बना। इंडोर स्पोर्टस स्टेडियम में अपने सारगर्भित एवम् संक्षिप्त संबोधन में श्री अक्षर ने बतौर मुख्य अतिथि बोले, सूर्य नमस्कार सर्वश्रेष्ठ आसन जबकि दुनिया की सबसे बड़ी शक्ति पढ़ाई है। अंगों का दान महादान के मानिंद है। साथ ही बोले, सकारात्मकता के लिए लक्ष्य का होना अनिवार्य है। मेंटल पीस और फिजिकल फिटनेस के लिए योगा को सभी आत्मसात करें। इससे पूर्व कुलाधिपति श्री सुरेश जैन, एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर श्री अक्षत जैन और सुश्री नंदिनी जैन ने ग्रांड मास्टर को बुके देकर गर्मजोशी से स्वागत किया। श्री अक्षर का टीएमयू में पहली बार मंगल प्रवेश हुआ है। डेढ़ घंटे चले योग प्रोग्राम में सूर्य नमस्कार समेत दो दर्जन से अधिक आसनों के जरिए यूनिवर्सिटी के सैकड़ों स्टुडेंट्स के संग-संग स्टाफ और नॉन टीचिंग में ऊर्जा का संचार कर गए। योग के दौरान कुलाधिपति श्री सुरेश जैन और एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर श्री अक्षत जैन की भी उल्लेखनीय मौजूदगी रही। योगाभ्यास के अंत में सवाल-जवाब का दौर भी चला। ब्रेकअप, निद्रादोष, एकाग्रता, असंतुलन, रोग-प्रतिरोध क्षमता, फ्लैक्सबिल्टी, स्ट्रेस, श्वांस सरीखे सवाल पूछे गए। योग ऋषि ने सभी प्रश्नों के बारी-बारी से संतुलित, तर्कसंगत और सकारात्मक तौर पर जवाब दिए। अंत में कुलाधिपति ने कहा, योग कार्यक्रम विशेषकर छात्रों के लिए मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने उम्मीद जताई, कोई स्टुडेंट स्ट्रेस में होगा तो योग उसके लिए संजीवनी का काम करेगा। उन्होंने ग्रांड मास्टर श्री अक्षर का यूनिवर्सिटी में आगमन के लिए आभार प्रकट किया, जबकि एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर श्री अक्षत जैन ने योग के इस महायज्ञ को सफल बनाने के लिए शहर के बाशिंदों और टीएमयू परिवार के सदस्यों का धन्यवाद देते हुए कहा, हमें योग गुरू के हर स्टेप्स को संजीदगी से लेना चाहिए। वह बोले, अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस भले ही एक दिन मनाया जाता हो, लेकिन अब यह हमारी जिंदगी का रोजमर्रा का हिस्सा होना चाहिए। उल्लेखनीय है, इस योग कार्यक्रम में टिमिट कॉलेज ऑफ फिजिकल एजुकेशन की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही।
योगाभ्यास में दो बार सूर्य नमस्कार के अलावा उत्कट आसन, मलासन, चक्रदंडासन, नौका आसन, पश्चिम उत्थान आसन, सुखासन के तौर-तरीके न केवल बताए, बल्कि अपने संग-संग कराए भी। पीठ की मजबूती को कैट पोज जबकि स्पाइन के लिए वज्रासन, स्ट्रेस की समाप्ति को सूर्य नमस्कार, भुजंगासन भी करने की पुरजोर वकालत की। दुनिया के जाने-माने योग गुरू श्री अक्षर ने ओम् सूर्याय नमः और ओम् के उच्चारण करने पर जोर दिया। भ्रामरी प्राणायाम पर एक्सरसाइज करके उन्होंने गहरी श्वांस अन्दर लेने और गहरी श्वांस छोड़ने के फायदे भी बताए। मन की शांति के लिए श्वांस ध्यान की ओर स्टुडेंट्स समेत सभी अनुयायियों का ध्यान आकर्षित किया। वर्ल्ड योग ऑर्गेनाइजेशन के प्रेसिडेंट श्री अक्षर ने सूक्ष्म से लेकर गहन आसनों, मुद्राओं, प्राणायाम, सूर्य नमस्कार, श्वांस ध्यान में डुबकी लगवाई। अंत में उन्होंने एकाग्रता के लिए क्रीड़ायोग, गुड हैबिट्स के लिए यम-नियम का हवाला देते हुए अधिक नींद से बचाव को उन्होंने ताड़ासन और वकासन करके दिखाया। योग कार्यक्रम में मेडिकल कॉलेज, डेंटल कॉलेज, एफओईसीएस, एग्रीकल्चर कॉलेज, नर्सिंग कॉलेज, फिजिकल एजुकेशन कॉलेज, पैरामेडिकल कॉलेज, फार्मेसी कॉलेज, फैकल्टी ऑफ एजुकेशन, फिजियोथैरेपी विभाग आदि के स्टुडेंट्स के संग-संग निदेशक छात्र कल्याण प्रो. एमपी सिंह, एफओईसीएस के निदेशक प्रो. आरके द्विवेदी, टिमिट फिजिकल एजुकेशन कॉलेज के प्राचार्य डॉ. मनु मिश्रा, मेडिकल कॉलेज के वाइस प्रिंसिपल प्रो. एसके जैन, निदेशक हॉस्पिटल पीएंडडी श्री विपिन जैन, डॉ. नवनीत कुमार, डॉ. उमर फारूख, डॉ. अक्षत जैन, डॉ. आरके जैन, डॉ. अर्चना जैन, के अलावा शहर से समाज सेवी सरदार गुरविन्दर सिंह, श्री राजेन्द्र सिंह, श्री संतोष धीर, श्री हरि गोपाल शर्मा, श्री अनिल अग्रवाल आदि की भी मौजूदगी रही। संचालन श्री विपिन चौहान ने किया।