आपदाओं के दृष्टिगत निदेशक प्रारम्भिक शिक्षा द्वारा दिशा-निर्देश निर्गत
उत्तराखण्ड शिक्षा विभाग के अन्तर्गत वर्ष 2022 में वर्षा ऋतु के आगमन के फलस्वरूप उत्तराखण्ड राज्य अनेक आपदाओं के दृष्टिगत अत्यन्त संवेदनशील है। विगत वर्षों में वर्षा ऋतु के दौरान भूस्खलन, अतिवृष्टि, बाढ़ व बादल फटने की घटनाएं संज्ञान में आई है। अतः आपदाओं के न्यूनीकरण हेतु विद्यालयों के लिए श्रीमती वन्दना गर्व्याल, निदेशक प्रारम्भिक शिक्षा निदेशालय, देहरादून द्वारा निम्नलिखित दिशा-निर्देश निर्गत किये गये हैं।
विद्यालयों के समीप संभावित भूस्खलन क्षेत्र में जनसामान्य की मदद से सुरक्षा दीवार / सुरक्षा जाल लगाने बाढ़ सम्भावित क्षेत्र में सुरक्षा दीवार निर्मित करने आदि आपदा सम्बन्धी रोकथाम एवं न्यूनीकरण के प्रयास विद्यालय प्रबंधन समिति द्वारा किये जा सकते हैं। साथ ही विद्यालय के समस्त छात्र / छात्राओं शिक्षकों, कार्मिकों तथा अभिभावकों को इस विषय में जागरूक किया जाय। ताकि आपदा से होने वाले खतरों से बचाव किया जा सकें।
1. बरसात के मौसम में प्रधानाध्यापक द्वारा छात्र / छात्राओं की सुरक्षा के दृष्टिगत विद्यालयों के भवन एवं परिसर का आकलन अनिवार्यता किया जाय, किसी भी दशा में छात्र-छात्राओं को जीर्ण-शीर्ण कक्षा-कक्षों में न बिठाया जाए। इसके लिए पृथक से उपलब्ध कक्षा-कक्षों अथवा पंचायत भवनों में पठन-पाठन की व्यवस्था की जाए।
2. यदि विद्यालय के रास्ते में बरसाती नदी / नाला / गदेरे का खतरा हो तो छात्र- छात्राओं को विद्यालय प्रबन्धन समिति के माध्यम से निर्देश दिये जाए कि वे अभिभावकों के अनुरक्षण में ही विद्यालय आये।
3. विद्यालय स्तर से संवेदनशील स्थानों का चिन्हीकरण किया जाए व बच्चों को किसी भी दशा में जीर्ण-शीर्ण दीवारों की ओट में न बिठाया जाए।
4. विद्यालय प्रधानाध्यापक द्वारा विद्यालय भवन की छतों का निरीक्षण किया जाए, छत पर उगे हुए पेड़-पौधों को हटाते हुए इनकी मरम्मत करा ली जाए।
5. विद्यालय प्रांगण में यदि कोई जर्जर वृक्ष हो तो वन विभाग से अनापत्ति लेते हुए प्रशासन की मदद से उसे कटवाने की प्रक्रिया कर ली जाए।
6. विद्यालय परिसर के आस-पास रपटा / फिसलने वाले मार्गों की मरम्मत कर लिया जाय विद्यालय परिसर के आस-पास पानी एकत्र न होने दें ताकि मच्छरों एवं गन्दगी से फैलने वाले रोगों से भी बचा जाये।
7. विद्यालयों में स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराये जाने की व्यवस्था की जाय, जिससे बच्चों को दूषित पानी पीने से होने वाली बीमारियों यथा टाइफाइड, पीलिया आदि रोगों से बचाया जा सके।
8. किसी भी आपदा में सामान्य प्रशासन यथा जिलाधिकारी / उप जिलाधिकारी स्तर से निर्गत निर्देशों का अनुपालन किया जाना सुनिश्चित करें।