मुंबई में आयकर विभाग की छापेमारी, 130 करोड़ रुपये की सम्पत्तियों का पता चला
मुंबई में शिवसेना के एक पार्षद और बीएमसी के कुछ पार्षदों के परिसरों पर हाल में की गई छापेमारी में आयकर विभाग द्वारा 130 करोड़ रुपये की लगभग 3 दर्जन संपत्तियों का पता लगाया है। 25 फरवरी को 35 से ज्यादा परिसरों पर की गयी छापेमारी की प्रारंभिक जांच में पता चला है कि इन ठेकेदारों ने फर्जीवाड़ा कर 200 करोड़ रुपये की आय छिपाई है। बृहन्मुंबई महानगर पालिका की कुछ निविदाओं का काम कर रहे ठेकेदारों, एक “बड़े” व्यक्ति और उसके नजदीकी साथियों के विरुद्ध छापेमारी की कार्रवाई की गई। सूत्रों ने बताया कि उक्त “बड़े” व्यक्ति शिवसेना के पार्षद यशंवन्त जाधव हैं जो बीएमसी की स्थायी समिति के अध्यक्ष भी हैं। छापामारी में अंतरराष्ट्रीय हवाला लेनदेन में उनकी संलिप्तता और गलत तरीके से अर्जित धन को कुछ विदेशी अधिकार क्षेत्रों में भेजने के साक्ष्य भी जब्त किए गए हैं। बेहिसाब नकद प्राप्तियों और कई करोड़ के भुगतान के विवरण वाली लूज शीट और एक्सेल फाइलें भी पाई गईं हैं और उन्हें जब्त किया गया है] जिन्हें नियमित लेखा-बही (बुक्स ऑफ अकाउंट) में दर्ज नहीं किया गया है। वहीं] ठेकेदारों के मामले में जब्त किए गए दस्तावेजों से उनके द्वारा कर योग्य आय को बड़े पैमाने पर छिपाने के लिए खर्चों को बढ़ाकर दिखाने की अपनाई गई कार्यप्रणाली का पता चलता है। इस उद्देश्य के लिए प्रमुख साधन के रूप में संस्थानों के गोरखधंधे के जरिए और गैर-वास्तविक खर्चों का दावा करके उप-अनुबंध खर्चों के अधिक इनवॉइस बनाए गए हैं। कुछ घटनाओं से पता चलता है कि इन संस्थाओं से नकदी निकाल ली गई है और इसका उपयोग अनुबंध देने के लिए अनुचित लाभ प्राप्त करने के लिए किया गया है। साथ ही इसका उपयोग संपत्तियों में निवेश के लिए बेहिसाब भुगतान करने के लिए भी किया गया है। शुरुआती जांच में इसके संकेत मिलते हैं कि इन ठेकेदारों ने उपरोक्त भ्रष्टाचार करके 200 करोड़ रुपये तक की आय की चोरी की है। इस तलाशी अभियान के दौरान अब तक 2 करोड़ रुपये की अघोषित नकदी और 1-5 करोड़ रुपये के आभूषण जब्त किए गए हैं।