हरिद्वार में होगा अंतरराष्ट्रीय मशरूम फेस्टिवल
उत्तराखण्ड में विभिन्न उत्पादों की ब्रांडिंग के मकसद से राज्य में इनसे संबंधित फेस्टिलों का आयोजन किया जा रहा है। इसी कड़ी में 18 से 20 अक्टूबर तक हरिद्वार में अंतराष्ट्रीय मशरूम फेस्टिवल का आयोजन होने जा रहा है। इस फेस्टिवल से भूटान, थाइलैंड, नीदरलैंड, जापान, वियतनाम, अमेरिका के विशेषज्ञ आनलाइन जुड़ेंगे, जबकि देश के विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ मौजूद रहेंगे। फेस्टीवल में उत्तराखंड में मशरूम उत्पादन को बढ़ावा देने के साथ ही मार्केटिंग के लिए क्या-क्या रणनीति अपनाई जा सकती है, इस पर मंथन होगा। गौरतलब है कि विगत कुछ वर्षों में मशरूम ने भारतीय रसोई में अच्छी जगह बनाई है। खपत बढ़ने के साथ उत्तराखण्ड में भी मशरूम उत्पादन से रोजगार के नये द्वार खुले हैं और काफी लोग इस व्यवसाय से जुड़े हैं। यहां से अन्य प्रदेशों के साथ मशरूम का अच्छा-खासा व्यापार हो रहा है।
कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने बताया कि कुछ दिन पूर्व देहरादून में हुए अंतरराष्ट्रीय एप्पल फेस्टिवल के माध्यम से उत्तराखंड के सेब की देश और दुनिया में ब्रांडिंग की गई है। इसी क्रम में मशरूम व शहद की ब्रांडिंग की दिशा में कदम बढ़ाए गए हैं। उन्होंने कहा कि इन दोनों क्षेत्रों में रोजगार, स्वरोजगार की अपार संभावनाएं हैं। कृषिमंत्री ने कहा कि मशरूम उत्पादन में उत्तराखंड देश में सातवें स्थान पर है, जिसे पहली पायदान पर लाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। हरिद्वार में होने वाला अंतरराष्ट्रीय मशरूम फेस्टिवल इसमें बड़ी भूमिका निभाएगा।आपको बता दें कि दिल्लीए कलकत्ताए मुम्बई एवं चेन्नई जैसे महानगरों में इसकी बड़ी माँग है। इसीलिये विगत तीन वर्षों में इसके उत्पादन में 10 गुना वृद्धि हुई है। तमिलनाडु और उड़ीसा में तो यह गाँव.गाँव में बिकता है। कर्नाटक राज्य में भी इसकी खपत काफी है। महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, केरल, राजस्थान और गुजरात जैसे राज्यों में भी मशरूम की कृषि लोकप्रिय हो रही है।
अगले माह 17 से 19 नवंबर तक ज्योलीकोट (नैनीताल) में अंतरराष्ट्रीय हनी फेस्टिवल का आयोजन भी प्रस्तावित है। जिसमें उत्तराखंड में उत्पादित शहद समेत अन्य उत्पादों को प्रदर्शित किया जाएगा। साथ ही देश-विदेश के विशेषज्ञों के साथ मंथन होगा।