मधुबनी जज पिटाई कांड में न्यायपालिका और पुलिस प्रशासन आमने-सामने, बढ़ी तकरार
बिहार के मधुबनी में जज पिटाई प्रकरण में न्यायपालिका और पुलिस प्रशासन के बीच तकरार बढ़ गयी है। इस केस को लेकर न्यायपालिका और पुलिस प्रशासन आमने-सामने आ चुका है। गुरुवार को मधुबनी के झंझारपुर व्यवहार न्यायालय के ADJ प्रथम अविनाश कुमार पर उनके चौंबर में घुसकर घोघरडीहा थाने के दो पुलिस पदाधिकारियों SHOगोपाल प्रसाद यादव और SI अभिमन्यु शर्मा ने हमला कर दिया था। इसमें ADJ बुरी तरह जख्मी भी हो गए। उन्होंने अपनी FIR में कहा है कि SHO और SI ने उनके साथ पहले अभद्र व्यवहार किया। इसके बाद उनके साथ मारपीट की। इसी दौरान थानाध्यक्ष ने अपनी रिवाल्वर निकालकर जज पर तानते हुए उन्हें जान से मारने की धमकी भी दे डाली। अब उधर बिहार पुलिस एसोसिएशन ने हाईकोर्ट से मांग की है कि बुरी तरह जख्मी थानेदार और दारोगा के बयान पर भी FIR होनी चाहिए। एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष मृत्युंजय कुमार सिंह ने कहा कि सच्चाई सामने लाने के लिए हाईकोर्ट उच्चस्तरीय जांच कराए। दूसरी ओर, मधुबनी नगर थाना परिसर में मेजर रंजीत कुमार निराला की अध्यक्षता में बैठक हुई। संघ के अध्यक्ष संजय यादव ने कहा कि ADJ अविनाश कुमार अपने कार्यकाल के दौरान जहां भी रहे उनका कार्य विवादित रहा है। ADJ प्रथम अविनाश कुमार पर जानलेवा हमला करने के आरोपी SHO गोपाल कृष्ण ने महज 7 घंटे में ही अपना पहले दिया गया बयान बदल दिया है। उन्होंने पहले कहा था, 16 नवंबर को न्यायालय कर्मी आकाश मिश्रा ने फोन कर मुझे 17 नवंबर 2021 को 11 बजे ADJ प्रथम झंझारपुर के कोर्ट में आने के लिए कहा। उन्होंने बताया कि आप के विरुद्ध विधिक सेवा प्राधिकार में पक्षपात का आरोप है। आरोप दीपक राज ने लगाया है। मेरी ओर से अगले समय के लिए अनुरोध किया गया तो 18 नवंबर को 11 बजे बुलाया गया। मैं अपने थाने के दारोगा अभिमन्यु शर्मा के साथ करीब 2 बजे ADJ के कोर्ट में गया। मैंने न्यायाधीश का अभिवादन किया तो न्यायाधीश ने कहा कि तुमको यहीं रौंद देंगे। तुम कितने पढ़े हो तो मैंने कहा. स्नातक तक पढ़ाई की है। इस पर न्यायधीश बोले कि दीपक इंजीनियर है। तुम उसको सर क्यों नहीं बोलते हो। तुम कल क्यों नहीं आए और इसके बाद उन्होंने अमर्यादित शब्द का प्रयोग किया। मना करने पर न्यायाधीश मुझे मारने लगे। न्यायाधीश के निर्देश पर दीपक राज व आकाश मिश्रा भी मारने लगे। आवाज सुनकर 15 से 20 अधिवक्ता समेत अन्य कर्मी पहुंचे और मुझे पीटने लगे। मुझे पीटता देख दारोगा अभिमन्यु कक्ष में आए तो उनके साथ भी मारपीट की गई। न्यायाधीश के निर्देश पर मेरे गले में रस्सी डाल खींचने लगे। तभी धक्का देकर किसी तरह इन लोगों से जान बचाते हुए मैं शौचालय में घुस गया और दरवाजा बंद कर लिया। अभिमन्यु का सरकारी रिवाल्वर भी छीन लिया गया। न्यायाधीश ने मनगढ़ंत प्राथमिकी दर्ज कराई है।
लेकिन अब मधुबनी के झंझारपुर व्यवहार न्यायालय के ADJ प्रथम अविनाश कुमार पर जानलेवा हमला करने के आरोपी SHO ने महज 7 घंटे में ही अपना बयान बदल दिया है। अब घोघरडीहा SHO गोपाल कृष्ण ने शुक्रवार रात 10 बजे कहा है कि हम लोगों की पिटाई जज, न्यायालय के कर्मचारी आकाश मिश्रा और इंजीनियर दीपक राज ने ही की है। उनके इस बयान के बाद केस से 11 लोगों के नामों का हटा दिया गया है। अब केस में सिर्फ 3 लोगों के ही नाम है। जबकि, उन्होंने दोपहर 3 बजे जज, सहित 15 से 20 लोगों पर पीटने का आरोप लगाया था।