आउटसोर्स कर्मचारियों के विनियमितिकरण की मांग को लेकर मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा

डॉ० सुशीला तिवारी राजकीय मेडिकल कॉलेज, हल्द्वानी की उपनल कर्मचारी समिति ने मुख्यमंत्री को भेजे ज्ञापन में समस्त आउटसोर्स कर्मियों को जहाँ है जैसा है की स्थिति में वन-टाइम सटेलमेन्ट के तहत विनियमितिकरण करने की मांग की है।

सिटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से भेजे गए ज्ञापन में कहा गया है कि शासनादेश के अनुसार आउटसोर्स के कर्मचारी जिनके द्वारा 07 वर्ष से अधिक का समय पूर्ण कर लिया गया है वे संविदा के पात्र होने के बावजूद उनको इसका भी लाभ नहीं मिल पाया है। जबकि पिछले 10 से 20 सालों के कार्यानुभव के चलते आउटसोर्स कार्मिकों ने इस संस्थान को बहुमूल्य समय दिया है।

गौरतलब है कि 1 जून, 2010 को उत्तराखण्ड फॉरेस्ट हॉस्पिटल ट्रस्ट का राजकीयकरण किया गया था शासनादेश में यह उल्लेखित किया गया था कि ट्रस्ट में कार्यरत समस्त कर्मचारियों को जहाँ है जैसा है की स्थिति में लिया जाय। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी एवं डा० सुशीला तिवारी मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी हेतु वर्तमान एवं पूर्व से आउटसोर्स के माध्यम से स्टाफ नर्स, टैक्नीशियन, लिपिक / स्टैनो डाटा एन्ट्री ऑपरेटर, फार्मासिस्ट, मैन्टीनेन्स, वार्ड बॉय/वार्ड आया, सफाई कर्मचारी इत्यादि के 885 पद हैं।

उपनल कर्मचारी समिति की ओर से आउटसोर्स कर्मचारियों का शोषण और उपेक्षा का आरोप लगाते हुए उनके अभिलंब विनियमितीकरण की मांग की है।

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