सूफी कव्वाली और शास्त्रीय संगीत के संगम से निजामी बंधु ने सजाई टीएमयू की शाम
कभी अमीर खुसरो की शायरी तो कभी अल्लाह की इबादत। कभी कबीर का दोहा तो कभी जिगर मुरादाबादी का शेर। तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के ऑडिटोरियम में देर रात तक कव्वाली के रंग-ही-रंग देखने को मिले। निजामी बंधु ने सूफी और शास्त्रीय संगीत के संगम के संग सुरों को ऐसा पिरोया कि श्रोताओं से भरे ऑडी में मेहमान और मेजबान कव्वालियों के साथ ताल से ताल मिलाने को मजबूर हो गए। सैंकड़ों स्टुडेंट्स में इतना जोश भर गया कि खुद को निजामी बंधु की कव्वाली के बीच में तालियों से संगत करने से नहीं रोक पाए। निजामी बंधु ने सूफीयाना और क्लासिकल अंदाज में कव्वाली दर कव्वाली और शेर दर शेर पेश करके खूब वाह वाही लूटी। जैसे-जैसे रात ढ़लती गई महफिल परवान चढ़ती गई। इससे पूर्व संस्कृति एवम् विदेश राज्य मंत्री, भारत सरकार श्रीमती मीनाक्षी लेखी, कुलाधिपति श्री सुरेश जैन, एमएलसी डॉ. जयपाल सिंह व्यस्त, मेयर श्री विनोद अग्रवाल, बतौर विशिष्ट अतिथि अध्यक्षा जिला पंचायत, मुरादाबाद डॉ. शैफाली सिंह, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ की जिला संयोजिका श्रीमती प्रिया अग्रवाल ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्जवलित करके परम्परा के दूसरे दिन का शुभारम्भ किया। इस मौके पर कव्वाली एवम् सूफीयाना संगीत के पुरोधा निजामी बंधु को बुके देकर सम्मानित किया गया। इससे पूर्व मुख्य अतिथि श्रीमती मीनाक्षी लेखी समेत तमाम मेहमानों को भी पुष्प गुच्छ दिए गए, जबकि जीवीसी श्री मनीष जैन और एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर श्री अक्षत जैन ने मुख्य अतिथि को शॉल ओढ़ाकर स्मृति चिन्ह भेंट किया। मुख्य अतिथि श्रीमती लेखी ने कार्यक्रम प्रारम्भ होने से पूर्व यूनिवर्सिटी का भी भ्रमण किया। संचालन टीएमयू हॉस्पिटल के निदेशक श्री विपिन जैन और डॉ. सुगंधा जैन ने किया।
चांद निजामी ने अपने भतीजे शादाब, शोराब के संग-संग बेटे कामरान और गुलखान और दस सहकलाकारों ने कार्यक्रम की शुरूआत अल्लाह को याद करते हुए कोई पुकारे अल्लाह तुझको, कोई कहे भगवान और जिसके मन को जैसा भाए वैसा तेरा नाम… शेर सुनाकर की। अल्लाह हू, अल्लाह हू … की गूूंज से निजामी बंधु ने कुछ समय के लिए माहौल रूहानी कर दिया। स्टुडेंट्स की तालियों की गूंज पर कव्वाल कभी आलाप तो कभी ताने लेकर सुरों की माला पिरोते रहे। उन्होंने छाप तिलक सब छीनी रे मोसे नैना मिलाइ के… सुनाकर हर किसी को अपनी आवाज का दीवाना बना दिया। कबीर का प्रसिद्ध दोहा हम तुम एक हैं, कहन सुनन को दो, अरे मन से मन को तोलिए तो दो मन कबहुं न हो…. सुनाकर सभी का दिल जीत लिया। इसी कव्वाली के बीच जब शेर मैं उनकी आंखों से ढलती शराब पीता हूं, गरीब होकर भी महंगी शराब पीता हूं, शराब दुनिया की पीना हमारा काम नहीं, निगाहे यार से पीना कोई हराम नहीं सुनाया तो हर कोई वाह-वाह करता हुआ नजर आया।
ऑडी में निजाम बंधु ने दिल दिया है जान भी देंगे ऐ वतन तेरे लिए … सुनाकर युवाओं में देशभक्ति का जोश भरने का भी काम किया। देशभक्ति माहौल बनाते हुए उन्होंने अर्ज किया, सुहानी सुबह लिख देना सुहानी शाम लिख देना, मैं उनको चाहता हूं बस यही पैगाम लिख देना और मुझे जब लोग ले जाएं जनाजे पे, तो कफन के चारों कोनों पर हिदंुस्तान लिख देना…। युवाओं की फरमाइश पर नुसरत फतेह अली खां की प्रसिद्ध कव्वाली कव्वाली मेरे रश्के कमर तुने पहली नजर जब नजर से मिलाई मजा आ गया… सुनाई तो ऑडी में बैठे युवा झूमने लगे। समारोह में निजामी बंधु ने प्रसिद्ध कव्वाली दमा दम मस्त कलंदर…, फिल्म रॉकस्टॉर का प्रसिद्ध गीत कुन फाया कुन…, फिल्म जोधा अकबर का प्रसिद्ध गीत ख्वाजा मेरे ख्वाजा… सुनाकर हर किसी को रूहानियत से भर दिया। इसी बीच कबीर दास का प्रसिद्ध भजन मन लागा मोरा फकीरी में… को एक नए अंदाज में बयां किया, जिसे सुन हर कोई भक्ति की बयार में डूब गया।
संस्कृति एवम् विदेश राज्य मंत्री, भारत सरकार श्रीमती मीनाक्षी लेखी बोलीं, युवा पीढ़ी को भारतीय इतिहास बोध होना बेहद जरूरी है। देश के डवपलमेंट को आत्मविश्वास की दरकार है। कॉन्फिडेंस इतिहास बोध से ही आता है। अमृत महोत्सव और टीएमयू ग्रुप की 21वीं सालगिरह पर तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी में उनकी मौजूदगी सौभाग्य की बात है। ऑडिटोरियम में आयोजित कल्चरल फेस्ट- परम्परा 2022 में वह बतौर मुख्य अतिथि बोल रही थीं। तीन सौ बरस के इतिहास पर क्रमवार प्रकाश ड़ालते हुए कहा, नारी हमेशा शक्तिशाली रही है। श्रीमती लेखी ने हिन्दी की सुप्रसिद्ध कवयित्री सुभद्रा कुमारी चौहान, झांसी की रानी, रानी अब्बक्का चौटा, शिवगंगा रियासत की रानी वेलु नचियार आदि की देशभक्ति का भावपूर्ण स्मरण किया। बोलीं, सेनापति से लेकर सेना तक की कमान महिलाओं के हाथों में थी। पुरूष और नारी में कोई भेदभाव नहीं था। वे हथियार चलाने में भी पारंगत होती थी, क्योंकि उन्हें इसका सघन प्रशिक्षण दिया जाता था। हमें देश की एकता और अखंडता को नई ऊचाइंयों तक ले जाना है। इसके लिए आइडिया, रिजॉल्व, एक्शन और गोल्स को फोकस करना होगा। आजादी की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में मनाए जा रहे अमृत महोत्सव पर बोली, हमें अपने आजादी के लिए दी गई कुर्बानियों का ज्ञान होना जरूरी है। साथ ही म्यूजियम के महत्व के पर भी प्रकाश ड़ाला। बोलीं, हम अपने बच्चों को म्यूजियम नहीं ले जाते हैं, जिससे वे इतिहास से दूर हैं। उन्होंने करीब आधे घंटे के अपने संबोधन में भारतीय ज्योतिष, टेक्नोलॉजी, संस्कृति, धरोहर, चिकित्सा आदि की व्यापक चर्चा की। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान को बड़ी उपलब्धि बताया। टीएमयू के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर श्री अक्षत जैन को अपने बेटे के समान बताते हुए बोलीं, आज की युवा पीढ़ी के विज़न की मैं कायल हूं। उन्होंने राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता, सामाजिक कार्यकर्ता और ह्यूमन फॉर ह्यूमैनिटी एंड ब्रीथिंग आटर््स के संस्थापक श्री अनुराग चौहान से अपने रिश्तों का हवाला भी दिया। इससे पूर्व श्री चौहान ने अपने संबोधन में कहा, ईडी श्री अक्षत जैन ने इच्छा जताई थी कि ब्रास सिटी को कल्चर सिटी के रूप में पहचान दिलाई जाए। यह कल्चरल फेस्ट उसी चाह का एक हिस्सा है। एमएलसी डॉ. जयपाल सिंह व्यस्त ने तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के विकास में कुलाधिपति श्री सुरेश जैन, जीवीसी श्री मनीष जैन और एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर श्री अक्षत जैन की भूमिका का स्मरण करते हुए कहा, 21 बरस में इतना डवलपमेंट मैंने अपनी पूरी जिंदगी में नहीं देखा है। उन्होंने कल्चरल फेस्ट का श्रेय श्री अक्षत जैन को देते हुए बोले, समाज से जो मिलता है, वह समाज को देना कुलाधिपति का यह समाज के प्रति समर्पण है।
कल्चरल फेस्टिवल- परम्परा में उच्चतर शिक्षा सेवा चयन आयोग के सदस्य डॉ. हरबंश दीक्षित, महानगर जैन सभा के अध्यक्ष श्री अनिल जैन, निदेशक प्रशासन श्री अभिषेक कपूर, रजिस्ट्रार डॉ. आदित्य शर्मा, एसोसिएट डीन प्रो. मंजुला जैन, डीन छात्र कल्याण प्रो. एमपी सिंह, निदेशक सीसीएसआईटी प्रो. आरके द्विवेदी, निदेशक टिमिट प्रो. विपिन जैन, पैरामेडिकल के वाइस प्रिंसिपल प्रो. नवनीत कुमार, कॉलेज ऑफ फार्मेसी के प्राचार्य प्रो. अनुराग वर्मा, डेंटल कॉलेज की सीनियर फैकल्टी रामकृष्ण यलूरी, निदेशक सीटीएलडी प्रो. आरएन कृष्णिया, मेडिकल कॉलेज के वाइस प्रिंसिपल प्रो. एसके जैन, टिमिट कॉलेज फिजिकल एजुकेशन के प्राचार्य प्रो. मनु मिश्रा, ज्वाइंट डायरेक्टर एडमिशन श्री अवनीश कुमार, प्रो. श्याम सुंदर भाटिया आदि की मौजूदगी रही, जबकि राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता, सामाजिक कार्यकर्ता और ह्यूमन फॉर ह्यूमैनिटी एंड ब्रीथिंग आटर््स के संस्थापक श्री अनुराग चौहान और ब्रीथिंग आटर््स के सलाहकार बोर्ड की सदस्य श्रीमती चारू सानन की उल्लेखनीय उपस्थिति रही।