Wednesday, October 9, 2024
IndiaNews

डॉक्टर्स के लिए पेशेंट की सुरक्षा सर्वोपरिः डॉ. भौमिक

तीर्थंकर महावीर मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च सेंटर और नेशनल एसोसिएशन ऑफ फॉर्माक्लोजी एंड थेरप्यूटिक की ओर से मेडिकेशन एरर्स एंड पेशेंट सेफ्टी पर ऑनलाइन गेस्ट लेक्चर

  • ख़ास बातें
  • हमेशा कैपिटल लैटर्स और साफ हैडराइटिंग में लिखें दवाइयों के नाम
  • मेडिकेशन एरर्स रोकने को प्रत्येक हॉस्पिटल में हो एक अलग विभाग
  • एमबीबीएस और एमडी के 160 से अधिक स्टुडेंट्स ने किया प्रतिभाग

जाने-माने डॉक्टर सुभ्रज्योति भौमिक ने कहा, डॉक्टर्स के लिए अपने पेशेंट की सुरक्षा सर्वोपरि है। मरीज को रोग के संग-संग दवाइयों के गलत प्रयोग से भी बचाना मेडिकल स्टाफ की जिम्मेदारी है। उन्होंने बताया, रोगी को दवाई देते समय हम कभी-कभार गलती कर देते हैं, जिसका पेशेंट पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। मेडिकल स्टाफ से दवाइयों को लिखते समय, फार्मासिस्ट से दवाई के गलत नाम समझने , नर्सो की ओर से जाने-अनजाने में गलत दवाइयां रोगी को दे देने से ये गलतियां हो सकती हैं। पीयरलेस हॉस्पिटल एंड बीके रॉय रिसर्च सेंटर, कोलकता के क्लीनिकल डायरेक्टर डॉ. सुभ्रज्योति भौमिक तीर्थंकर महावीर मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च सेंटर और नेशनल एसोसिएशन ऑफ फॉर्माक्लोजी एंड थेरप्यूटिक की ओर से मेडिकेशन एरर एंड पेशेंट सेफ्टी पर आयोजित ऑनलाइन गेस्ट लेक्चर में बतौर मुख्य वक्ता बोल रहे थे।

इससे पूर्व तीर्थंकर महावीर मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च सेंटर में फार्माक्लोजी के हेड प्रो. प्रीथपाल सिंह मटरेजा ने मुख्य अतिथि का परिचय कराया। लगभग 45 मिनट चले इस गेस्ट गेक्चर में निदेशक प्रशासन श्री अभिषेक कपूर, मेडिकल कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. श्यामोली दत्ता, मेडिकल कॉलेज के वाइस प्रिंसिपल प्रो. एसके जैन, मेडिकल सुप्रीडेंटेंट डॉ. अजय पंत के अलावा एमबीबीएस और एमडी के 160 से अधिक स्टुडेंट्स ने प्रतिभाग किया।

डॉ. भौमिक ने कहा, वैसे तो ये गलतियां छोटी हैं, लेकिन इनके परिणाम घातक हो सकते हैं। अतः हमें इन एरर्स को रोकना होगा। इन एरर्स को रोकने के तरीकों पर प्रकाश डालते हुए बोले, डॉक्टर्स को दवाइयों का नाम हमेशा कैपिटल लैटर्स और साफ हैडराइटिंग में लिखना चाहिए। फार्मासिस्ट को डॉक्टर्स के पर्चे को पूरी तरह से चैक करके ही दवाई को देना चाहिए। इसके अलावा नर्स को भी डॉक्टर के पर्चे में क्रास चेक करके ही रोगी को दवा की खुराक देनी चाहिए। श्री भौमिक ने इन मेडिकेशन के एरर्स को रोकने के लिए प्रत्येक हॉस्पिटल में अलग से एक विभाग बनाने की पुरजोर वकालत की।

डॉ. भौमिक ने कहा, वैसे तो ये गलतियां छोटी हैं, लेकिन इनके परिणाम घातक हो सकते हैं। अतः हमें इन एरर्स को रोकना होगा। इन एरर्स को रोकने के तरीकों पर प्रकाश डालते हुए बोले, डॉक्टर्स को दवाइयों का नाम हमेशा कैपिटल लैटर्स और साफ हैडराइटिंग में लिखना चाहिए। फार्मासिस्ट को डॉक्टर्स के पर्चे को पूरी तरह से चैक करके ही दवाई को देना चाहिए। इसके अलावा नर्स को भी डॉक्टर के पर्चे में क्रास चेक करके ही रोगी को दवा की खुराक देनी चाहिए। श्री भौमिक ने इन मेडिकेशन के एरर्स को रोकने के लिए प्रत्येक हॉस्पिटल में अलग से एक विभाग बनाने की पुरजोर वकालत की।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!