मेरे पिता नहीं अपने बाप के नाम पर वोट मांग के दिखाओ : ठाकरे

मुंबई। संकट में घिरी महाराष्ट्र सरकार को बचाने के लिए अब मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे शब्दों की मर्यादा भी खोने लगे हैं। अब वे बागी शिंदे के पिता तक भी पहुंच गये हैं। सियासी बवंडर के बाद शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे अपनी टूटती हुई पार्टी को बचाने की मशक्कत कर रहे हैं। इसी कड़ी में आज उन्होंने दादर स्थित शिवसेना भवन में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है। इस बैठक में जब वह पहुंचे तब उनके समर्थन में शिवसैनिकों ने जोरदार अंदाज में नारे लगाए। उद्धव ने भी हाथ उठाकर अभिवादन किया। बैठक में शिवसेना से बगावत कर गुवाहाटी में बैठे एकनाथ शिंदे गुट के खिलाफ पार्टी कड़ा फैसला लिया है।
शिवसेना सेना भवन पर शिव सैनिकों को संबोधित करते हुए उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा कि एकनाथ शिंदे को हमने बड़ी जवाबदारी दी थी। बालासाहेब ठाकरे के नाम के बिना वोट मांग कर दिखाएं। शिवसेना बालासाहेब ठाकरे की थी और उन्हीं की रहेगी। शिवसेना मराठी अस्मिता और हिंदुत्व के लिए लड़ती रहेगी। उद्धव ने कहा मेरे पिता नहीं बल्कि अपने बाप के नाम पर वोट मांगकर दिखाओ। उद्धव ने कहा कि पहले नाथ थे लेकिन अब दास हो गए हैं।
राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पारित प्रस्ताव
1 सभी तरह के निर्णय लेने के अधिकार पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे के पास रहेंगे।
2 शिवसेना और बालासाहेब ठाकरे के नाम का उपयोग कोई नहीं कर सकता।
3 पार्टी से गद्दारी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई का पूरा अधिकार पार्टी प्रमुख को होगा।

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