नौकरी से हटाये गये आउटसोर्स कर्मचारियों का मुख्यमंत्री आवास कूच। कई चोटिल तो कुछ बेहोश हुए

कोरोनाकाल में सेवा में लेेने और सेवा अनुबंध समाप्ति के बाद नौकरी से हटाये जाने से खफा उत्तराखण्ड के सरकारी अस्पतालों व मेडिकल कालेजों में सेवाएं देने वाले पीआरडी व उपनल के आउटसोर्स कर्मियों का आक्रोश चरम पर है। कुछ दिन पूर्व सचिवालय कूच करने के बाद उन्होंने अपनी बहाली की मांग को लेकर मुख्यमंत्री आवास कूच किया। जिसमें देहरादून, ऋषिकेश, हरिद्वार, टिहरी आदि जिलों से आए आउटसोर्स कर्मचारियों में बड़ी संख्या में भाग लिया। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी आउटसोर्स कर्मियों के धरना प्रदर्शन में शामिल होकर उन्हें अपना समर्थन दिया।
नारेबाजी करते हुए जलूस के रूप में मुख्यमंत्री आवास की ओर बढ़ रहे प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने हाथीबड़कला में बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया। इससे आक्रोशित दर्शनकारी सड़क पर ही धरने पर बैठ गए। पुलिस द्वारा सड़क से हटाने की कोशिश करने पर प्रदर्शनकारियों की पुलिस के साथ नोकझोंक और धक्का-मुक्की भी हुई। जिसमें कुछ कर्मचारी चोटिल भी हुए। जबकि कुछ प्रदर्शनकारी चिलचिलाती धूप में बेहोश हो गए। इन्हें तत्काल अस्पताल पहुंचाया गया। इनमें कुछ को उपचार बाद छुट्टंी दे दी गई, जबकि कुछ अभी भी भर्ती हैं।
काफी देर से सड़क पर ही धरना-प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों के कारण यातायात बाधित होने पर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया। इन्हें पुलिस लाइन ले जाकर छोड़ दिया गया। गौरतलब है कि अनुबंध खत्म होने पर बीती 31 मार्च को 2200 से अधिक कर्मचारियों को नौकरी से हटा दिया गया था। स्वास्थ्य मंत्री ने घोषणा की थी कि इनका रिक्त पदों पर समायोजन किया जाएगा। इस संबंध में कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जाएगा। पर अभी तक इस मामले का समाधान हुआ नहीं हुआ है।

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