जम्‍मू-कश्‍मीर में 20 हजार विद्युत कर्मचारी हड़ताल पर, आपूर्ति बहाली के लिए सेना बुलाई गई

जम्मू-कश्मीर पावर डेवलपमेंट डिपार्टमेंट का पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया में विलय और निजी कंपनियों को संपत्ति सौंपने का विरोध करते हुए कड़कड़ाती ठंड के बीच जम्मू-कश्मीर के 20 हजार कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गये है। कर्मचारी जम्मू-कश्मीर के सभी हिस्सों में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। पावर डवलपमेंट डिपार्टमेंट का लाइनमैन से लेकर सीनियर इंजीनियर तक का हर कर्मचारी हड़ताल का हिस्सा है। जिससे कई जिलों में विद्युत आपूर्ति पूरी तरह ठप है। जम्मू और श्रीनगर में भी बिजली गुल होने की खबर है। आपूर्ति और मांग के बीच भारी अंतर के कारण कश्मीर पहले से ही सर्दियों के दौरान लंबे समय तक बिजली कटौती का सामना कर रहा है। जिससे राज्य केे बड़े हिस्से में बिजली नहीं है।
बिजली आपूर्ति बहाल करने के लिए सेना को बुलाया गया है। पावरग्रिड की टीम सांबा जिले में बिजली आपूर्ति बहाल करने में कामयाब हुई है। उधर राजौरी के थुडी सब स्टेशन पर सेना और एमईएस कर्मियों की साझा टीम ने जिम्मेदारी संभाल ली है। सैनिक कई पावर स्टेशनों पर विद्युत आपूर्ति के लिए कर्मचारियों की मदद कर रहे हैं।
हड़ताली कर्मचारियों के निर्णय लिया है कि जब तक सरकार उनकी मांगें नहीं मानती है, तब तक मरम्मत और रखरखाव से जुड़े काम नहीं करेंगे। कर्मचारी संपत्ति के निजीकरण, दैनिक वेतन भोगी बिजली कर्मचारियों के नियमितीकरण और वेतन जारी करने के सरकार के फैसले में बलदव चाहते हैं। कर्मचारियों का कहना है कि जम्मू-कश्मीर में सरकारों द्वारा दशकों तक संपत्ति बनाई गई है, जो अब केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन के तहत बिक्री के लिए तैयार है। बिजली कर्मचारी संघ के महासचिव सचिन टिक्‍कू ने कहा कहा है कि संपत्तियों का एक व्यवस्थित हस्तांतरण है जिसका हम विरोध कर रहे हैं। वे ट्रांसमिशन क्षेत्र की संपत्ति बेच रहे हैं और वे पावर ग्रिड को 50 प्रतिशत हिस्सेदारी देना चाहते हैं जो जम्मू और कश्मीर के हित के खिलाफ है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!