हिंदू समाज की उदासीनता से खिन्न यति नरसिंहानन्द अब नहीं करेंगे धर्म संसद
बच्चों को देंगे धार्मिक ज्ञान, महायज्ञ व श्रीमद्भगवद् गीता को समर्पित करेंगे शेष जीवन
गत वर्ष हरिद्वार में आयोजित धर्म संसद और मुस्लिम महिलाओं के विरूद्ध विवादित टिप्पणी करने बाद जेल यात्रा कर चुके गाजियाबाद डासना स्थित देवी मंदिर के महंत एवं जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी यति नरसिंहानंद हिंदू समाज की उदासीनता से खाने खिन्न हैं। जिस कारण उन्होंने अपने धर्म कर्म की दिशा बदलने का ही निर्णय ले लिया है। अब वे इस्लामिक जिहाद के खिलाफ कोई भी धर्मसंसद नहीं करेंगे। बल्कि सामाजिक जीवन छोड़कर धार्मिक जीवन जीने और बच्चों को धार्मिक ज्ञान देने में अपना समय व्यतीत करेंगे।
एक बयान जारी कर स्वामी यति नरसिंहानंद ने कहा है कि अब वह बच्चों की शिक्षा के साथ ही हवन, पूजन आदि कार्य ही करेंगे। अब इस्लामिक जिहाद के विरुद्ध कोई धर्मसंसद नहीं करेंगे। हरिद्वार जेल से जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी के अंतरिम जमानत पर रिहा होने के बाद स्वामी यति नरसिंहानंद ने कहा कि इस पूरी लड़ाई में हिंदू समाज की जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी जैसे योद्धा के प्रति उदासीनता से खिन्न होकर वह अब अपने बचे हुए जीवन को मां और महादेव के महायज्ञ व योगेश्वर श्रीकृष्ण की श्रीमद्भगवद् गीता को समर्पित करेंगे। उन्होंने सम्मान व स्वाभिमान की इस लड़ाई में असफल रहने के लिए जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी से माफी भी मांगी है।