घटिया निर्माण पर शहरी विकास मंत्री की अधिकारियों को फटकार, मौके पर पहुंच कर खुद रूकवाया काम

ऋषिकेश में पशुलोक बैराज जलाशय की सुरक्षा के लिए लगाई जा रही फेंसिंग के निर्माण कार्य में गुणवत्ता में कमी देख कर उत्तराखण्ड के शहरी विकास एवं आवास विधायी एवं संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल का पारा चढ़ गया। उन्होंने मौके पर ही अधिकारियों को फटकारते हुए उनकी क्लास लेनी शुरू कर दी। पशुलोक बैराज स्थित आस्थापथ का निरीक्षण करने पहुंचे मंत्री को जब फेंसिंग के निर्माण के लिए उपयोग में लाई जा रही सामग्री घटिया स्तर की मिली तो उन्होंने यिूजेवीएनएल के अधिकारियों को फटकार लगाते हुए निर्माण कार्य रुकवा दिया। फेंसिंग के निर्माण के लिए उपयोग में लाई जा रही सामग्री जांच के दौरान घटिया स्तर की पाई गई। यहां जो फेसिंग लगाई गई थी, वह हाथ लगाते ही उखड़ रही थी। जिस पर शहरी विकास मंत्री ने मौके पर मौजूद यूजेवीएनएल के अधिशासी अभियंता ललित कुमार से जवाब मांगा तो वह बगले झांगने लगे। मंत्री ने अधिशासी अभियंता ललित कुमार को कड़ी फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि आचार संहिता के दौरान निर्माण कार्य शुरू किया गया, जिसमें गुणवत्ता को नजरअंदाज करते हुए घटिया सामग्री लगाई गई, जिससे 97 लाख रुपए की धनराशि की बंदरबाट की जा सके। काबीना मंत्री अग्रवाल ने मौके से ही यूजेवीएनएल के एमडी संदीप सिंघल को फ़ोन से निर्माण कार्य रोकने के निर्देश दिए।
बताते चलें कि करीब 97 लाख रुपए की धनराशि से ऋषिकेश में पशुलोक बैराज जलाशय की सुरक्षा के लिए 1.6 किलोमीटर तक फेंसिंग का कार्य चल रहा है। जिसके गुणवत्ताविहीन निर्माण कार्य को लेकर जनप्रतिनिधियों द्वारा लगातार की शिकायतंे की जा रही थी। जनता की शिकायतों का संज्ञान लेकर ही काबीना मंत्री मौके पर पहुंचे और निर्माण कार्य रुकवाया।

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