क्या हरीश रावत सक्रिय राजनीति से संयास लेंगे? जमीनी नेता के ट्वीट से कांग्रेस में बढ़ी हलचल

‘‘है न अजीब सी बात, चुनाव रूपी समुद्र को तैरना है, सहयोग के लिए संगठन का ढांचा अधिकांश स्थानों पर सहयोग का हाथ आगे बढ़ाने के बजाय या तो मुंह फेर करके खड़ा हो जा रहा है या नकारात्मक भूमिका निभा रहा है। जिस समुद्र में तैरना है, सत्ता ने वहां कई मगरमच्छ छोड़ रखे हैं। जिनके आदेश पर तैरना है, उनके नुमाइंदे मेरे हाथ-पांव बांध रहे हैं। मन में बहुत बार विचार आ रहा है कि हरीश रावत अब बहुत हो गया, बहुत तैर लिए, अब विश्राम का समय है!
यह कांग्रेस के नेता और उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का वह ट्वीट है जिसने उत्तराखण्ड की नहीं राष्ट्रीय स्तर पर भी कांग्रेसियों के दिलों की धड़कन बढ़ा दी है। कारण स्पष्ट है कांग्रेस में शीर्ष स्तर पर जिस तरह की मनमानी चल रही है। उससे हरीश रावत ही नहीं कांग्रेस के कई सीनियर लीडर भी स्वयं को असहज महसूस करने लगे हैं। हरीश रावत जैसे जमीनी और पुराने नेता के इन ट्वीट्स ने साफ तौर पर उनकी नाराजगी का इजहार किया है।
उनका एक दूसरा ट्वीट भी सामने आया है जिसमें लिखा है ‘‘फिर चुपके से मन के एक कोने से आवाज उठ रही है ‘न दैन्यं न पलायनम्’ ड़ी उहापोह की स्थिति में हूंं, नया वर्ष शायद रास्ता दिखा दे। मुझे विश्वास है कि भगवना केदारनाथ जी इस स्थिति में मेरा मार्गदर्शन करेंगे।’’ सीधे-सीधे संगठन पर सवाल उठाने वाले इन ट्वीट्स ने उनके समर्थकों और शुभचिन्तकों को भी हैरत में डाल दिया है। कुछ लोग इसे उनके रिटायरमेंट से जोड़कर देख रहे हैं तो कुछ लोगों की जुबान पर यह सवाल भी उठने लगे हैं कि क्या हरीश रावत सक्रिय राजनीति से सन्यास लेने वाले हैं?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!