जज की झूठी शिकायत मामले में महिला गिरफ्तार 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा

कभी-कभी अपराधी इतने शातिर हो जाते हैं कि अपने मनमाफिक निर्णय न होने पर वे झूठे कहानी गढ़ कर न्यायालयों के जजों तक नहीं छोड़ते। ऐसा ही एक मामला उत्तराखण्ड के अल्मोड़ा में हुआ। जहां जमीन का फर्जीवाड़ा करने वाली एक महिला ने गिरफ्तारी से बचने के लिए दूसरी महिला की मदद से जिला न्यायाधीश के खिलाफ ही हाईकोर्ट में झूठी शिकायत दर्ज करा दी । तब इस मामले में न्यायाधीश को अल्मोड़ा से निलंबित कर देहरादून किया गया था। विजीलेंस जांच हुई तो झूठी शिकायत करने वाली महिला विजीलेंस के हत्थे चढ़ गयी। महिला को नैनीताल की विजीलेंस टीम ने हल्द्वानी से गिरफ्तार किया है।
मामले की शुरूआत वर्ष 2011 में हुई जब आशा यादव नाम की एक महिला ने अपने साथी चंद्रमोहन सेठी के साथ मिलकर फर्जी दस्तावेजों की मदद से अल्मोड़ा में एक जमीन खरीदी। फर्जी दस्तावेजों से जमीन खरीद का खुलासा होने पर आशा और चंद्रमोहन के खिलाफ कोतवाली अल्मोड़ा में मुकदमा दर्ज हुआ था। यह मामला अभिषेक कुमार श्रीवास्तव सिविल जज, सीनियर डिवीजन अल्मोड़ा की कोर्ट में पहुंचा। एक आरोपी चंद्रमोहन सेठी के उस दौरान कनाडा जाने के कारण कोर्ट ने आशा और चंद्रमोहन सेठी की फाइल अलग-अलग करने के निर्देश दिए और आशा के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया। अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए आशा यादव ने बड़ा षढ़यंत्र रचा। उसने अपने पति एबी प्रेमनाथ के साथ मिलकर बी 748 गली नंबर 25 मेन मार्केट संत नगर बुराड़ी उत्तरी दिल्ली निवासी कुसुम यादव/चौधरी की मदद से सविल जज, सीनियर डिवीजन अल्मोड़ा अभिषेक कुमार श्रीवास्तव के खिलाफ एक शिकायती पत्र नैनीताल हाईकोर्ट में दिया। पत्र में जज पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा गया था कि न्यायाधीश अभिषेक कुमार श्रीवास्तव और उनके परिजनों को आरोपी चंद्रमोहन सेठी के वाहनों से दिल्ली आदि स्थानों पर ले जाया गया। इसी लाभ के लिए न्यायाधीश ने सेठी की फाइल अलग कर दी और उसके (आशा) खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया। इस आरोप के आधार पर हाईकोर्ट नैनीताल ने न्यायाधीश अभिषेक श्रीवास्तव को निलंबित कर देहरादून संबद्ध कर जांच हाईकोर्ट विजिलेंस नैनीताल को सौंप दी।
हाईकोर्ट विजिलेंस की जांच में जज अपर लगाए गए आरोप झूठे निकलने पर हाईकोर्ट ने मामले में संज्ञान लेकर रजिस्ट्रार जनरल हाईकोर्ट नैनीताल को एसपी विजिलेंस हाईकोर्ट के माध्यम से सतकर्ता अधिष्ठान हल्द्वानी नैनीताल में अभियुक्त के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच करने के निर्देश दिए थे। विवेचना के दौरान खुलासा हुआ कि आशा यादव, एबी प्रेमनाथ और कुसुम चौधरी ने षडयंत्र के तहत हाईकोर्ट में न्यायाधीश अभिषेक कुमार श्रीवास्तव के खिलाफ झूठी शिकायत की थी। इनके नाम से एक फर्जी मेल आईडी भी बनाकर उत्तराखंड के विभिन्न न्यायिक अधिकारियों को भेजी गई। कुछ समय बाद आशा यादव व एबी प्रेमनाथ को हाईकोर्ट से गिरफ्तारी पर स्टे मिल गया। लेकिन कुसुम यादव को गिरफ्तारी स्टे नहीं मिला। इस बीच 23 फरवरी को कुसुम हल्द्वानी पहुंची, जहां नैनीताल विजीजेंस टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया। यहां से कुसुम को सीजेएम अल्मोड़ा की कोर्ट में पेश करने के बाद 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया है। गिरफ्तार महिला के पति एबी प्रेमनाथ दिल्ली सचिवालय में संयुक्त सचिव के पद पर तैनात बताये गये हैं।

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